सोमवार, 2 नवंबर 2020

बंगाल से शुरू होगा शाह का अभियान


पिछले छह साल में बिहार का विधानसभा चुनाव पहला चुनाव है, जिसमें अमित शाह नहीं हैं और पार्टी के होर्डिंग्स, पोस्टर्स पर उनकी फोटो नहीं है। अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाई जा रही है या कहीं कहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तस्वीरें लगी हैं। यह सही है कि अमित शाह की सेहत ठीक नहीं है और कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने के बाद उनको रिकवर करने में थोड़ा समय लगा है। इसके बावजूद वे बिहार चुनाव में भूमिका निभा सकते थे। रैली नहीं तो वर्चुअल रैली कर सकते थे। लेकिन वे बिहार चुनाव से पूरी तरह से दूर रहे। साजिश थ्योरी में विश्वास करें तो ऐसा उन्होंने जान बूझकर किया क्योंकि उनको बिहार के चुनाव नतीजों का अंदाजा है। बहरहाल, कारण चाहे जो हो पर वे चुनाव से दूर रहे और अगस्त से लेकर तीन महीने तक सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बाद वे पश्चिम बंगाल से अपना अभियान शुरू करने वाले हैं।


ध्यान रहे अमित शाह इस साल अगस्त के पहले हफ्ते से ही सक्रिय राजनीति से दूर हैं। पहले हफ्ते में कोरोना संक्रमित होकर वे अस्पताल में भरती हुए थे। उसके बाद वे दो बार अस्पताल में भरती हुए। ठीक तीन महीने बाद वे सक्रिय राजनीति में उतर रहे हैं और पश्चिम बंगाल के दौरे पर जा रहे हैं। अमित शाह दो दिन बंगाल में रहेंगे। यह रोचक है कि बिहार में पांच नवंबर को आखिरी चरण के लिए प्रचार बंद होगा और उसी दिन अमित शाह बंगाल में चुनाव अभियान शुरू करेंगे। वे चार नवंबर की रात को ही वर्धवान पहुंचने वाले हैं। वहां से अगले दिन वे बांकुड़ा जाएंगे और मिदनापुर जोन में पार्टी संगठन और चुनाव की तैयारियों का जायजा लेंगे। उसके बाद वे कोलकाता जाएंगे।


ध्यान रहे पिछले हफ्ते राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने उनसे मुलाकात की थी और राज्य के हालात के बारे में बताया था। कहा जा रहा है कि उसके बाद ही शाह का बंगाल जाने का कार्यक्रम तय हुआ। बहरहाल, चाहे जिस वजह से हुआ हो पर यह संयोग दिलचस्प है कि जिस दिन बिहार में प्रचार खत्म हो रहा है उस दिन अमित शाह बंगाल में प्रचार शुरू कर रहे हैं! वे स्वस्थ हैं तभी बंगाल जा रहे हैं और स्वस्थ हैं तो बिहार भी जा ही सकते थे!


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