मंगलवार, 10 नवंबर 2020

नीतीश को नाराज नहीं करेगी भाजपा!


 क्या भारतीय जनता पार्टी अपनी सहयोगी जदयू के नेता नीतीश कुमार को नाराज करने का जोखिम ले सकती है? इसकी संभावना अभी कम दिख रही है। भाजपा अभी नहीं चाहेगी कि नीतीश कुमार को नाराज किया जाए क्योंकि सीटों की संख्या के लिहाज से बिहार की स्थिति ऐसी है कि नीतीश कुमार के बिना भाजपा की सरकार नहीं बन रही है। बिहार में भाजपा का एजेंडा चल तो गया पर वह पूरी तरह से कारगर नहीं हुआ। भाजपा अपने लिए 90 सीटों की संभावना देख रही थी। अगर उसे 85-90 सीटें आ जातीं और नीतीश कुमार 25-30 सीटों पर रूकते तो नैतिक रूप से भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की दावेदारी नहीं करते। लेकिन भाजपा 80 से नीचे रह गए और नीतीश कुमार 40 से ऊपर चले गए। ऐसे में अगर भाजपा उनको नाराज नहीं कर सकती है क्योंकि फिर बिहार में गठबंधन बदल हो सकता है।


दूसरी बात यह है कि राजनीतिक रूप से भी भाजपा का ट्रांजिशन अभी पूरा नहीं हुआ है। उसको पता है कि अभी नीतीश कुमार के बनाए सामाजिक समीकरण का वोट भाजपा के साथ नहीं जुड़ा है। वह वोट भाजपा को मिला है तो उसका कारण नीतीश कुमार हैं। नीतीश एक गठबंधन का नेतृत्व कर रहे थे और उनके मुख्यमंत्री बनने की घोषणा थी इसलिए अतिपिछड़ी, महादलित जातियां एनडीए के साथ आईं। भाजपा को यह वोट पूरी तरह से अपने साथ करना है तो इसके लिए उसे अभी थोड़े समय तक और जदयू के साथ रहना होगा। जदयू का साथ छोड़ते ही भाजपा अगड़ों और वैश्यों की पार्टी रह जाती है। इसे 2015 के चुनाव में भाजपा ने आजमाया था। उस समय भाजपा ने कई जातियों के नेताओं को साथ रख कर गठबंधन बनाया था, लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ था। इसलिए अभी तुरंत भाजपा नीतीश को नाराज नहीं करना चाहेगी।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें