सोमवार, 4 दिसंबर 2017

समाज में दिव्यांगजनों को सहानुभूति की नहीं संबल की जरूरत - सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी

जयपुर,। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण  चतुर्वेदी ने लोगों से आह्वान किया कि समाज में दिव्यांग जनों को सहानुभूति की नहीं, बल्कि आगे बढ़ने के लिए संबल प्रदान करने की जरूरत है, जिससे वह समाज की मुख्य धारा में जुड़ कर अपना जीवन आत्म सम्मान से जी सकें।

डॉ. चतुर्वेदी रविवार को अंतरराष्ट्रीय विशेष योग्यजन दिवस के अवसर पर विशेष योग्यजन निदेशालय द्वारा ओटीएस में आयोजित राज्य स्तरीय विशेष योग्यजन पुरस्कार एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में दिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने एवं उन्हें सहयोग देने के लिए झालावाड़ जिला कलेक्टर श्री जितेंद्र सोनी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से  आये 50 से अधिक व्यक्तियों एवं संस्थाओं को प्रमाण पत्र एवं 10 हजार रुपए का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।   
           
इस अवसर पर डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि दिव्यांगजनों में कहीं एक कमी है तो अनेक प्रतिभाएं छुपी हैं, जरूरत है उन की प्रतिभाओं को आगे लाने की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार  दिव्यांग जनों को हर तरह की सुविधा देने के लिए तत्पर है, राजस्थान पहला प्रदेश है जहां दिव्यांग जनों के शत-प्रतिशत पंजीयन के लिए एक जून, 2017 से दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में 9 लाख से अधिक विभिन्न तरह के दिव्यांगजनों का पंजीयन किया जा चुका है।  उन्होंने कहा कि पंजीकृत दिव्यांग जनों को प्रमाणिकरण कर 40 प्रतिशत से अधिक निशक्तता वाले दिव्यांग जनों के प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे एवं उन्हें उपकरण एवं विभिन्न प्रकार की सहायता दी जाएगी। 

डॉ. चतुर्वेदी ने लोगों से अपील की कि अपने आस-पास दिव्यांगजन को ई-मित्र केंद्र एवं पंचायत समिति स्तर पर आयोजित शिविरों में ऑनलाइन पंजीयन कराने के लिए पहुंचाने में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांग जनों के लिए एक यूनिक आईडी कार्ड जारी  कर रही है, जिसे पूरे देश में उपयोग में लिया जा सकेगा।
इसी प्रकार भारत सरकार द्वारा सुगम्य भारत योजना के तहत राजस्थान को मिले 50 करोड़ रुपयों से सरकारी भवनों में दिव्यांग जनों की सुगम आवाजाही के लिए लिफ्ट, रैम्प व शौचालय आदि का निर्माण कराया जाएगा। इसमें शासन सचिवालय एवं सवाई मानसिंह अस्पताल को प्राथमिकता दी जा रही है।

डॉ. चतुर्वेदी ने कहा है कि हमारी मुख्यमंत्री दिव्यांग जनों के प्रति बहुत ही संवेदनशील है दिव्यांग जनों के जीवन को सुगम व सरल बनाने के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है। उन्होंने गत बजट में दिव्यांग जनों की पेंशन को बढ़ाकर 750 रुपये कर दिया वहीं दाम्पत्य जीवन सुखी योजना में बढ़ोतरी करने के साथ एक हजार दिव्यांग जनों को  मोटराइज्ड  साइकिल देने का काम किया है।

इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री जेसी माहंती ने कहा कि इच्छा शक्ति मजबूत हो विकलांगता के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस तरह के विश्व भर में अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग जनों के शिक्षा, खेल, नौकरी एवं चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग देने के लिए पूरी तरह तत्पर पर है और इसके लिए प्रदेश में दिव्यांगजन अधिकार नियम बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जामडोली में दिव्यांगजन विश्वविद्यालय स्थापित करने की कार्यवाही प्रगति पर है । 
                                                         
इस अवसर पर विशेष योग्यजन निदेशक डॉ. समित शर्मा ने विशेष योग्यजन दिवस मनाने की उपयोगिता की जानकारी देते हुए बताया कि इस मौके पर दिव्यांग जनों की समस्या और उनके समाधान के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 9 लाख दिव्यांगजनों का पंजीयन किया जा चुका है अब चुनौती है इनमें से 40 प्रतिशत से अधिक निशक्तता वाले दिव्यांग जनों के जीवन को सुलभ और सरल बनाने की। सरकार द्वारा ऎसे सभी दिव्यांगजनों को उपकरण एवं विभिन्न तरह की सहायता देने के लिए कार्य योजना तैयार की जा चुकी है। बारह दिसंबर, 2017 के बाद इनके लिए जिला स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे ।   

इस अवसर पर विमंदित गृह जामडोली के बच्चों द्वारा स्वागत गीत व राजस्थानी लोक गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। डॉक्टर चतुर्वेदी ने विमंदित बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई प्रस्तुतियों को सराहा। इसी प्रकार स्वीट वॉइस संस्थान के मूक बधिर बच्चों द्वारा लघु नाटिका प्रस्तुत कर मोबाइल केे साइड इफेक्ट के बारे में संदेश दिया। मूक बधिर पोद्दार स्कूल की बालिकाओं ने शानदार राजस्थानी लोक गीत केसरिया बालम एवं अन्य गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।

इस अवसर पर विशेष योग्यजन आयुक्त श्री धनाराम पुरोहित, बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष एस एस सिंह, अतिरिक्त निदेशक विशेष योग्यजन श्री अभिताभ कौशिक, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त निदेशक  महावीर सिंह एवं विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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