राजनीति में भले ही लालू यादव का कद वैसा नहीं रहा जैसा कि 90 के दशक में रहा था, लेकिन आम आदमी में आज भी लालू यादव को लेकर एक क्रेज है, जो कायम है. 90 के दशक में उत्तर भारत के दो ही नेता बड़े माने जाते थे मुलायम सिंह यादव और लालू यादव. मुलायम सिंह बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, लेकिन छोटे राज्य बिहार का होने के बावजूद लालू यादव की ठसक ज्यादा थी और वे लोगों को ज्यादा अपील करते थे. लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे, लेकिन इनकी रैली जब बिहार से बाहर भी होती थी तो लोग इन्हें सुनने के लिए हजारों की संख्या में पहुंचते थे.
लालू यादव का जन्म एक गरीब यादव परिवार में हुआ था. इन्होंने स्कूली शिक्षा गांव के स्कूल से ही पूरी की और फिर पटना के बीएन कॉलेज से एमए की डिग्री ली. इन्होंने कानून में स्नातक भी किया है.
लालू यादव ने राजनीति में पदार्पण जयप्रकाश नारायण के जेपी आंदोलन से किया था. वे छात्र नेता रहे और 1977 में आपातकाल के बाद लोकसभा चुनाव जीते. पहली बार 29 साल की उम्र में लालू यादव लोकसभा पहुंचे थे और वे उस समय के सबसे युवा सांसद में से एक थे. वे सत्येंद्र नारायण सिन्हा के काफी करीबी रहे थे. 1980 से 1989 तक वे दो बार विधानसभा के सदस्य रहे और विपक्ष के नेता पद पर भी रहे.
1990 में जब जनता दल की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री वीपी सिंह राम सुंदर दास को मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, जबकि चंद्रशेखर रघुनाथ झा को. ऐसे में उप प्रधानमंत्री लालू यादव को सीएम उम्मीदवार के रूप में नियुक्त किया.
लालू यादव के राजनीतिक जीवन की प्रमुख घटनाओं में से एक है भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी. अयोध्या राममंदिर के मुद्दे को लेकर 1990 में आडवाणी ने एक रथयात्रा सोमनाथ से निकाली थी, इस रथयात्रा को बिहार के समस्तीपुर में रोक दिया गया था और लालू यादव के आदेश पर लाल कृष्ण आडवाणी गिरफ्तार कर लिये गये थे.
लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, चारा घोटाला में जब उन्हें 1997 में जेल जाना पड़ा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया.
लालू यादव का जन्म एक गरीब यादव परिवार में हुआ था. इन्होंने स्कूली शिक्षा गांव के स्कूल से ही पूरी की और फिर पटना के बीएन कॉलेज से एमए की डिग्री ली. इन्होंने कानून में स्नातक भी किया है.
लालू यादव ने राजनीति में पदार्पण जयप्रकाश नारायण के जेपी आंदोलन से किया था. वे छात्र नेता रहे और 1977 में आपातकाल के बाद लोकसभा चुनाव जीते. पहली बार 29 साल की उम्र में लालू यादव लोकसभा पहुंचे थे और वे उस समय के सबसे युवा सांसद में से एक थे. वे सत्येंद्र नारायण सिन्हा के काफी करीबी रहे थे. 1980 से 1989 तक वे दो बार विधानसभा के सदस्य रहे और विपक्ष के नेता पद पर भी रहे.
1990 में जब जनता दल की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री वीपी सिंह राम सुंदर दास को मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, जबकि चंद्रशेखर रघुनाथ झा को. ऐसे में उप प्रधानमंत्री लालू यादव को सीएम उम्मीदवार के रूप में नियुक्त किया.
लालू यादव के राजनीतिक जीवन की प्रमुख घटनाओं में से एक है भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी. अयोध्या राममंदिर के मुद्दे को लेकर 1990 में आडवाणी ने एक रथयात्रा सोमनाथ से निकाली थी, इस रथयात्रा को बिहार के समस्तीपुर में रोक दिया गया था और लालू यादव के आदेश पर लाल कृष्ण आडवाणी गिरफ्तार कर लिये गये थे.
लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, चारा घोटाला में जब उन्हें 1997 में जेल जाना पड़ा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया.


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