रविवार, 31 दिसंबर 2017

राजनीति में बदलाव का वक्त आ गया है-रजनीकांत

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वह अनपढ़ हैं। यह केवल मीडिया द्वारा हाइप किया गया है,





 सुपरस्टार रजनीकांत ने रविवार को घोषणा कि वह अपनी खुद की पार्टी बनाएंगे और तमिलनाडु की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र अभी बुरी स्थिति में है और राजनीति में आना समय की जरूरत है। रजनी की इस घोषणा के साथ ही उनके राजनीति में आने को लेकर लंबे समय से चला आ रहा सस्पेंस अब खत्म हो गया।

वहीं फिल्म अभिनेता कमल हासन ने कहा कि मैं अपने भाई रजनी को राजनीति में आने की बधाई देता हूं। उनका स्वागत है।  वे आने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के पहले एक पार्टी का गठन करेंगे और इसके तहत ही सभी विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवार खड़ा करेंगे। मेगास्टार ने कहा वह तमिलनाडु के 234 सीटों पर चुनाव लड़ेगें।


रजनीकांत ने कहा, 'मैं नाम, पैसे या शोहरत के लिए राजनीति में नहीं आ रहा। तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव का वक्त आ गया है। हम व्यवस्था को बदल देंगे। सत्य, कार्य और उन्नति मेरी पार्टी के तीन मंत्र होंगे।रंजनीकांत ने अपने समर्थकों से कहा की आप लोकतंत्र के रक्षक हैं। अनुशासन का खास ध्यान रखें।'


बता दें कि पिछले सप्ताह अभिनेता ने तमिलनाडु की राजधानी में अपने प्रशंसकों को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि वह दिसंबर के अंत में अपनी राजनीतिक योजना का खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा था, 'मैं राजनीति के लिए नया नहीं हूं। मैं 1996 के बाद से हूं। मुझे देरी हो गई। राजनीति में प्रवेश करना जीत के बराबर है, मैं 31 दिसंबर को राजनीति में आने पर फैसला सुनाउंगा।'

 तमिलनाडु में व्यापक अटकलें हैं कि सुपरस्टार जल्द ही राजनीति में उतरेंगे। रजनीकांत की पत्नी लता ने कहा था कि यह उनके पति का  व्यक्तिगत फैसला है और वह अपने पति के हर निर्णय में उनके साथ होंगी। अभिनेता कमल हासन भी सार्वजनिक मंच पर यह संकेत दे चुके हैं कि कि अगर सुपरस्टार रंजनीकांत राजनीति में प्रवेश करने का फैसला लेते हैं तो हासन उनके साथ काम करने के लिए तैयार हैं।


शनिवार, 30 दिसंबर 2017

न्‍यू इंडिया का सपना सच होगा ,पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2017 के आखिरी दिन देशवासियों के साथ 'मन की बात' साझा करते नए साल की शुभकामनाएं दी और कहा कि नए साल पर हम नई बात करेंगे। पूरे कार्यक्रम के दौरान 'न्‍यू इंडिया' के सपने को साकार करने पर उनका जोर रहा। पीएम मोदी ने कहा कि यह जातिवाद, सांप्रदायिकता, आतंकवाद, भ्रष्‍टचार, गंदगी और गरीबी के जहर से मुक्‍त होगा।


2017 के आखिरी दिन के साथ ही 'मन की बात' कार्यक्रम का भी इस वर्ष का आखिरी दिन था। पीएम मोदी ने कहा कि 'मन की बात’ का इस वर्ष का यह आखिरी कार्यक्रम है और संयोग देखिए कि आज, वर्ष 2017 का भी आखिरी दिन है। इस पूरे वर्ष बहुत सारी बातें हमने और आपने साझा की। विचारों का ये आदान-प्रदान, मेरे लिए हमेशा नई ऊर्जा लेकर आता है।

'मन की बात' की मुख्‍य बातें

- पीएम मोदी ने कहा कि 1 जनवरी का दिन विशेष है। जो लोग 21 में जन्म हैं, वो लोग वोटर बन जाएंगे। भारतीय लोकतंत्र 21 वीं सदी के वोटरों का स्वागत करता है।

- पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम में मैं देश के युवाओं से बात करना चाहता हूं। उन्‍होंने कहा, 'युवा आगे आएं और मंथन करें कि कैसे बनेगा न्यू इंडिया। मेरा विश्वास है कि हमारे ऊर्जावान युवाओं के कौशल और ताकत से ही न्‍यू इंडिया का सपना सच होगा।'

- पीएम मोदी ने यह भी कहा कि लोगों से बातचीत के दौरान मुझे यह आइडिया मिला है कि क्‍या हम भारत के हर जिले में 'मॉक पार्लियामेंट' आयोजित कर सकते हैं? यह 15 अगस्‍त के आस-पास होना चाहिए।



- पीएम मोदी के अनुरोध पर बड़ी संख्‍या में लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। उन्‍होंने कहा, 'उत्साह से भरा व्यक्ति अत्यन्त बलशाली होता है। पॉजिटिविटी और उत्साह से भरे व्यक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं। मुझे बहुत खुशी हुई कि भारी संख्या में लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी।'

- पीएम मोदी ने बताया कि कुछ देशवासियों ने इस वर्ष के उन घटनाक्रमों को साझा किया, जिनका उनके मन पर विशेष प्रभाव पड़ा, सकारात्मक प्रभाव पड़ा। कुछ लोगों ने अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों को भी शेयर किया।

- पीएम मोदी ने 'मन की बात' में देश को पूरी तरह से स्‍वच्‍छ बनाने पर भी जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि पूज्‍य बापू के अधुरे काम गंदगी से मुक्‍त भारत को हमें पूरा करना है। यह भी कहा कि स्‍वच्‍छता केवल सरकार करे एेसा नहीं है, यह नागरिकों की भी जिम्‍मेदारी है।

- पीएम मोदी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर की उपलब्धियों का आकलन करने के लिए आगामी 4 जनवरी से 10 मार्च 2018 के बीच दुनिया का सबसे बड़ा सर्वे ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2018’ किया जाएगा।

- पीएम मोदी ने कहा कि हाल में ही मुझे पता चला कि यदि कोई मुस्लिम महिला हज यात्रा पर जाना चाहती है तो वह किसी पुरुष सदस्य के बिना नहीं जा सकती। मैं इस पर हैरान था कि यह कैसा भेदभाव है, लेकिन अब वह अकेली हज यात्रा पर जा सकती हैं।

- पीएम मोदी ने यह भी बताया कि 26 जनवरी के मौके पर 10 आसियान देशों के नेता मुख्य अतिथि के रूप में आएंगे। ऐसा भारत के इतिहास में नहीं हुआ है।

- पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में मुझे अंजुम बशीर खान के बारे में पता चला, जिन्‍होंने आतंकवाद और नफरत भरे माहौल से निकलकर कश्‍मीर प्रशासनिक सेवा में अव्‍वल स्‍थान हासिल किया है। वह ना सिर्फ जम्‍मू-कश्‍मीर बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणास्‍त्रोत हैं।

- पीएम मोदी ने हाल ही में जम्‍मू-कश्‍मीर की कुछ बेटियों के साथ हुई मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि जिस तरह से वो अपने सपने को साकार करने में लगी हुई हैं, उनसे वह काफी प्रभावित हुए हैं।

- पीएम मोदी ने नए साल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सबके लिए खुशियां लेकर आए। जनवरी में मकर संक्रांति मनाया जाता है। यह पंजाब लोहड़ी और यूपी बिहार में खिचड़ी और असम में बिहू के तौर पर मनाया जाता है। सभी देशवासियों को इन त्यौहारों की ढेरों शुभकामनाएं।

फिट रहने के वादे के साथ साल को किया अलविदा

दौड़ के बाद फिटनेस पार्टी में जमके किया डांस + एकसरसाइज

पहला सुख निरोगी काया,ये बात जितनी जल्दी अपने जीवन में डाल ली जाए उतना अच्छा. साल के आखिरी दिन जयपुर के फिटनेस फ़्रीक़ लोगों ने इसी सन्देश के साथ साल को अलविदा कहा और 2018 का स्वागत किया. संस्कृति युवा संस्था और वर्ल्ड ट्रेड पार्क द्वारा 4 फरवरी को आयोजित होने वाली एयू बैंक जयपुर मैराथन के तहत 8 स्टेप स्टूडियो के सहयोग से फिटनेस पार्टी का आयोजन किया गया. ये फिटनेस पार्टी सिविल लाइन स्थित ऑर्बिट मॉल के रूफटॉप स्थित स्काईफुट पर हुई. फिटनेस पार्टी से पहले जयपुर रनर्स के मेंबर्स ने विभिन्न केटेगरी में रन की. करीब 80 रनर्स ने 42 किमी, 21 किमी, 10 किमी, 6 किमी इन श्रेणियों में दौड़ लगायी. रन के बाद सभी रनर्स फिटनेस पार्टी में शामिल हुए. एयू बैंक जयपुर मैराथन के आयोजक पंडित सुरेश मिश्रा ने इस मौके पर कहा कि साल को विदा करने के इस तरीके कि जितनी तारीफ़ कि जाए कम है. रनिंग कम्युनिटी के ज़रिये दिन प्रतिदिन लोगों में सेहत के प्रति जागरूक करने का ये अभियान एक तरह का समाज कल्याण ही है. फिटनेस पार्टी में लोगों का जोश देखने लायक था. पार्टी में मौजूद राजेश चौधरी ने कहा हर साल कोई नया तरीका ढूढ़ते है नई ईयर सेलिब्रेट करने का लेकिन इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. 8 स्टेप स्टूडियो के डायरेक्टर समर ने कहा कि फिटनेस पार्टी के ज़रिये लोगों को फिट रखने का कांसेप्ट लोगों को काफी पसंद आया. पार्टी में 300 से ज़्यादा लोगों में भाग लिया. इस मौके पर जयपुर मैराथन सीईओ मुकेश मिश्रा, अल्ट्रा रनर रवि गोयनका,गोविन्द पारीक ,एडवोकेट एच सी गणेशिआ,पंडित मुकेश भारद्धाज, संजीव सिंह आदि मौजूद रहे. 

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

चारा व जमीन ने लालू परिवार को ऐसे कर दिया 'बर्बाद'

बिहार में बिना चुनाव के सत्ता परिवर्तन की राजनीतिक कलाबाजी का
रहा। नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और कांग्रेस के हाथ मिलाने से जो महागठबंधन भाजपा की लहर को पछाड़ कर 8 नवंबर, 2015 को सत्ता में आया था।

वह 26 जुलाई, 2017  को लालू परिवार की बेनामी संपत्ति और भ्रष्टाचार का मुद्दा उजागर होने पर टूट गया। मात्र 20 महीने बाद भाजपा मुख्य विपक्षी दल की भूमिका छोड़कर नीतीश सरकार में शामिल हो गयी। अप्रैल, 2017 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्माणाधीन माल की मिट्टी 90 लाख रुपये में पटना जू को बेचकर घोटाला करने के आरोप ने तूल पकड़ा। उस समय विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने मिट्टी- माल घोटाले के दस्तावेजी सबूत पेश कर महागठबंधन सरकार के सबसे बड़े घटक राजद पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये।


उन्होंने घोटाले उजागर करने का सिलसिला जारी रखते हुए आरोप लगाया कि लालू प्रसाद ने रेल मंत्री की हैसियत से एक निजी कंपनी को रेलवे के दो होटल लीज पर देने के एवज में करोड़ों की जमीन अपने परिवार के नाम करवा ली।

माल- मिट्टी और रेलवे के होटल के बदले जमीन घोटाला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपेक्षा की कि लालू परिवार और विशेषकर मंत्रिमंडल में उनके नंबर दो के सहयोगी तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर या तो बिंदुवार जवाब देकर आरोपों को निराधार साबित करें या राजद तेजस्वी की जगह किसी और को उपमुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित करे।

लगभग दो सप्ताह तक इंतजार के बावजूद न तेजस्वी यादव ने कोई संतोषजनक जवाब दिया और न अपने पद से इस्तीफा दिया। अंततः 26 जुलाई की शाम सीएम ने खुद ही इस्तीफा सौंप दिया। इसके तुरंत बाद भाजपा ने उन्हें बिना शर्त समर्थन देने और सरकार में शामिल होने की घोषणा कर दी और किंग मेकर लालू प्रसाद की पार्टी राजद सत्ता से बाहर हो गयी।


इस बीच सीबीआई की विशेष अदालत (रांची) ने लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले के एक और मामले में नियमित सुनवाई शुरू कर दी और 23 दिसम्बर को लालू प्रसाद को दोषी करार दिया। 21 साल पुराने इस मामले में राजद प्रमुख को सातवीं बार जेल जाना पड़ा।

राजद का सत्ता से बाहर होना, लालू परिवार के छह सदस्यों के विरुद्ध विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसियों की कारवाई, सांसद पुत्री मीसा भारती के दिल्ली स्थित फार्म हाउस समेत कई संपतियों का जब्त होना और लालू प्रसाद की गिरफ्तारी के साथ बिहार में सबसे बड़ा जनाधार रखने वाली पार्टी मुश्किल में आ गयी है। परेशानियों से घिरे लालू प्रसाद ने पूजा- पाठ और तंत्र- मंत्र भी आजमाए, लेकिन उनकी मुसीबतों का अंत नहीं कर पाया।

कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं कई नेता

बिहार की राजनीति में तूफान

कांग्रेस के अंदरखाने से यह खबर मिल रही है कि पूर्व में कांग्रेस को छोड़कर एनडीए समेत दूसरे दलोें में जाने वाले कई पूर्व कांग्रेसी नेता पार्टी में दोबारा वापस आ सकते हैं. राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर चर्चा गर्म है कि यह बहुत जल्द हो सकता है. वहीं राजनीतिक सूत्र यह भी कह रहे हैं कि कई पार्टियों के दलित नेता, जिन्हें यह लग रहा है कि पार्टी में उनकी कोई  पूछ नहीं है, वह भी यह फैसला ले सकते हैं. प्रदेश कांग्रेस की जनवरी से शुरू हो रही आमंत्रण यात्रा के दौरान पार्टी में वापसी का सिलसिला शुरू हो सकता है.

कांग्रेस में वापसी करने वालों में कई पूर्व विधायक और राजनीति में लम्बा अनुभव रखनेवाले नेता भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि कई ऐसे नेताओं की इच्छा वापस कांग्रेस में लौटने की है. इसके लिए उन्होंने वैसे नेताओं से संपर्क किया है जो उन्हें सम्मानपूर्वक पार्टी में वापस लाने में सक्षम हैं. ऐसे सभी नेता कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व के संपर्क में हैं. आधा दर्जन से ज्यादा पुराने नेता जो जहां गये थे, वहां अपने को सही महसूस नहीं कर रहे हैं और कांग्रेस में आने को इच्छुक हैं. इन सभी नेताओं द्वारा कांग्रेस से संपर्क साधा गया है. कांग्रेस के सूत्रों की मानें, तो ऐसे नेताओं से अभी कोई फाइनल बातचीत नहीं हुई है, लेकिन बिहार की राजनीति के कई बड़े नाम इसमें शामिल हो सकते हैं.

कांग्रेस द्वारा बिहार में शुरू की जा रही सियासी यात्रा से बिहार कांग्रेस के सभी नेता काफी खुश हैं, उन्हें लग रहा है कि वैसे में कई नेता उनके संपर्क में आ सकते हैं. एक नेता ने बताया कि पार्टी में वापस आने के लिए कई नेताओं से बातचीत हुई है। इनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं. प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने मीडिया को यह जानकारी दी है कि प्रदेश कांग्रेस की आमंत्रण यात्रा जनवरी से शुरू होनेवाली है. इस यात्रा के दौरान पुराने नेताओं को पार्टी से जोड़ना है और उन्हें सम्मानित करना है. कांग्रेस छोड़ दूसरे दलों में गये कई नेता हमारे संपर्क में हैं. वह दोबारा कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं.

सराफ इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, इसलिए वे स्वयं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दें रहे हैं.

जयपुर: राजस्थान में डॉक्टर्स की हड़ताल के दौरान हुई मौतों को लेकर अब पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. राजस्थान के नवलगढ़ से निर्दलीय विधायक डॉ.राजकुमार शर्मा डॉक्टरों की हड़ताल से निबटने के तरीके से नाराज है और हड़ताल के दौरान हुई मौतों की जिम्मेदारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ को ठहराते हुए शुक्रवार को इस्तीफे की घोषणा की है.
दरअसल विधायक डॉ.राजकुमार शर्मा ने डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान हुई मौतों की जिम्मेदारी किसकी? ये सवाल उठाते हुए इस्तीफे की मांग की थी. उन्होंने कहा कि मंत्री इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, इसलिए वे विधायकी छोड़ रहे हैं. आज नवलगढ़ से निर्दलीय विधायक राजकुमार शर्मा ने डॉक्टर्स की 12 दिन हड़ताल के बाद हुए समझौते के विरोध में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को 3 पन्नों का खत लिखा है. जिसमे किसानों की मांगें नहीं मानने का भी उल्लेख किया गया है.
डॉ. शर्मा ने आज प्रेस कोंफ्रेस कर बताया कि डॉक्टर्स ने पूर्व में जब हड़ताल की थी, तब हुए समझौते की क्रियान्विति के आश्वासन के बाद अब 12 दिन से चल रही हड़ताल समाप्त हुई है. इस हड़ताल के दौरान सैकड़ों मरीजों की जान पर बन आई और कइयों ने दम भी तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इन मरीजों की मौत के लिए चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दोषी हैं. सराफ इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, इसलिए वे स्वयं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दें रहे हैं.

मंगलवार, 26 दिसंबर 2017

वर्ष 2017 में सुर्खियां बनीं बिहार के राजनीतिक समीकरण के ये घटनाएं

बिहार में वर्ष 2017 बदलते राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से बेहद नाटकीय रहा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू, लालू प्रसाद यादव की राजद और कांग्रेस को मिलाकर बने महागठबंधन का साथ छोड़ भाजपा नीत राजग का दामन थाम लिया. इस वर्ष प्राकृतिक आपदा ने भी बिहार में भारी तबाही मचायी. उत्तरी बिहार के 19 जिलों में बाढृ के कारण करीब दस लाख लोग बेघर हो गये और 500 से अधिक लोगों की जान चली गयी.

सृजन घोटाला
नयी सरकार के गठन के कुछ ही समय बाद सृजन घोटाला सामने आया जो राजकोष से एक गैर सरकारी संगठन को सैकड़ों करोड़ रुपये धोखे से स्थानांतरित करने से जुड़ा थाङ इस मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिये.

जहरीली शराब के कारण मौत से शराबबंदी पर सवाल
राज्य में शराबबंदी के जमीनी क्रियान्वयन पर जहरीली शराब के कारण होने वाली मौत की घटनाओं ने सवालिया निशान लगाये. जहरीली शराब के कारण मौत की घटना रोहतास और वैशाली जिलों में हुई. समस्तीपुर में शराब तस्करों ने एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी. इसके अलावा राज्यभर से बड़े पैमाने पर शराब की बरामदगी हुई.

एनडीए में शामिल हुए नीतीश
बेहद नाटकीय घटनाक्रम में नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया. नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के विरोध में उन्होंने चार वर्ष पहले ही भाजपा का 17 वर्ष का साथ छोड दिया था और महागठबंधन बनाया था.

पीएम मोदी और नीतीश ने साझा किया मंच
नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के बीच तल्ख संबंधों में गर्मजोशी का संकेत जनवरी में प्रकाश पर्व के मौके पर मिला. गुरु गोविंद सिंह की 350वी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मोदी और कुमार ने मंच साझा किया और एकदूसरे की तारीफों के पुल बांधे. नोटबंदी के मोदी के फैसले के समर्थन में खुलकर सामने आकर कुमार ने अपने गठबंधन सहयोगियों को नाराज कर दिया था.

महागठबंधन से अलग हुए नीतीश
महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है इसके स्पष्ट संकेत तब मिले जब कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया. घटनाक्रम तेजी से बदला जब सीबीआई ने होटल घोटाले में लालू प्रसाद, उनके छोटे बेटे तथा तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत उनके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया. नीतीश कुमार ने कहा कि यादव इस बारे में सार्वजनिक तौर पर स्पष्टीकरण दें, उनकी इस मांग को राजद ने ठुकरा दिया और इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

नीतीश ने फिर से ली सीएम पद की शपथ
भाजपा ने नयी सरकार को समर्थन देने की घोषणा की और इस्तीफा देने के 24 घंटे के भीतर नीतीश ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. जदयू के भीतर भी उथल पुथल मच गयी. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और कुमार के कभी करीबी रहे राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कुमार के खिलाफ विद्रोह कर दिया.

जदयू से बाहर किये गये शरद गुट 
पार्टी के आदेश को नजरअंदाज करते हुए शरद यादव और अली अनवर राजद के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे और नीतीश कुमार पर 2015 के विधानसभा चुनाव के जनादेश के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया. कुमार जो जदयू अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने पार्टी से शरद के सभी करीबियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखा जिससे पार्टी के चिन्ह पर विरोधी धड़े का दावा खारिज हो गया. शरद यादव और अली अनवर को राज्यसभा की सदस्यता के अयोग्य करार दे दिया गया.

महागठबंधन टूटने का असर कांग्रेस में भी दिखा
महागठबंधन टूटने का असर कांग्रेस की राज्य इकाई में भी दिखा. यह दो धड़ों में बंट गयी, एक धड़ा जो कुमार का करीबी था और दूसरा जो राजद के पक्ष में था. अंदरुनी लड़ाई के चलते बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद से अशोक चौधरी को हटा दिया गया.

लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें
राजद की परेशानियां भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं थी. चारा घोटाला से जुड़े मामलों में लालू प्रसाद को झारखंड की सीबीआई अदालत में नियमित रूप से पेश होना था. उनकी बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती, उनके पति शैलेष तथा तेजस्वी से धन शोधन के एक मामले में ईडी ने पूछताछ की. छह समन भेजे जाने के बावजूद राबड़ी देवी ने दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने पटना जाकर उनसे पूछताछ की.

नीतीश सरकार का आउटसोर्स सेवाओं में आरक्षण का फैसला
नीतीश सरकार ने आउटसोर्स सेवाओं में आरक्षण का अहम फैसला किया, जिसे आलोचकों ने पिछले दरवाजे से निजी क्षेत्र में कोटा प्रणाली लाने का प्रयास बताया.

वित्तीय साक्षरता अभियान से फैली गाँव-गाँव में डिज़िटल बैंकिंग


 रिज़र्व बैंक के निर्देशानुसार यस बैंक द्वारा प्रायोजित  वी.के.एस. शारण्य वेलफैयर सोसाइटी के तत्वावधान  में  राजस्थान के भीलवाड़ा,सीकर,अलवर व् राजसमन्द जिले में वित्तीय साक्षरता अभियान का केम्पेन  सफलता     पूर्वक चलाया जा रहा  है | इस अनूठे अभियान में लोगों की भागीदारी अत्यंत उत्साहवर्धक नज़र आ रही है |
अभियान के अंतर्गत इन अंचलों में आमजन को वित्तीय समायोजन, आर्थिक प्रगति एवं डिजिटल बैंकिंग के साथ बीमा,पेन्शन, विधवा/निशक्तजनों एवं व्यावसायिक गतिविधियों  की जानकारी दी जा रही है |
       संस्था पिछले वित्तीय वर्ष से  ही इन गतिविधियों का आयोजन करती आ रही है | इसके अंतर्गत मनोरंजन यानि नुक्कड़ नाटक,कटपुतली  शो , लोक गीत आदि  माध्यम  से वित्तीय साक्षरता हेतु भिन्न-भिन्न अंचलों की  करीब तेरह ग्रामीण  शाखाओं के क्षेत्र में ग्रामीण जनसमूह एवं  आम जन  को जोड़ने  का  प्रयास किया जा रहा है | इसके फलस्वरूप क्षेत्र की  पंचायत व्  गणमान्य नागरिकों का सहयोग भी  मिल रहा है|  वहीं शाखा प्रबंधक भी इस अवसर पर मौजूद होकर जनसमूह के सवालों का जवाब देकर उन्हें संतुष्ट करते हैं |
           बेंकिंग लिट्रेसी  के ये कार्यक्रम  अलवर जिले की आठ ग्रामीण  शाखाओं - किशनगढ़-बॉस ,मंडावर,किथुर,लक्षमणगढ़ ,जटियाना,कैरवा जाट, दादर  तुलेड़ा क्षेत्रों के  करीब सभी गांवों में  सफलतापूर्वक  आयोजन  किया जा रहा है | भीलवाड़ा जिले  के  गागेरा व् मुकुंद्पुरिया शाखाओं में तो  मजदूरवर्ग एवं खाताधारक बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लेते हैं | ये आयोजन  हर  माह  में एक बार  सीकर  जिले के हरसावा-बडा व् कोटड़ी लौहारावास शाखाओं के अतिरिक्त राजसमन्द जिले के दरीबा में आयोजित किया जाता है |
  इस  कार्यक्रम का मूल उद्देश्य रिज़र्व बैंक के  निर्देशों को लेकर जागरूकता एवं नवीन डिजिटल  बेंकिंग  का प्रसार और साथ ही लोकलुभावन योजनाओं की ग्रामीणों को सरल व् सहज भाषा में समझाना है | सभी जिलों में इस  कार्यक्रम  के तहत  नुक्कड़ नाटक अंचल की  स्थानीय बोली- भाषा व् संस्कृति के अनुरूप होता है, जिसका उल्लेखनीय प्रभाव जनमानस पर पड़ रहा है | स्थानीय भाषा में प्रसार का अनोखा संयोजन ग्रामीणों के लिए सुनहरा अवसर होता है | ऐसे में  सभी कार्यक्रमों में  ग्रामीणों के साथ ही पढ़े-लिखे युवाओं के जिज्ञासा और प्रश्नों की  झड़ी लग जाती है | इस  अवसर पर सरपंच एवं जन नेताओं व  मुख्य वक्ता की  उपस्थिति  से उत्साह का माहौल बनाने के साथ वे सरकारी योजनाओं और उनके लाभ के विषय में चर्चा करते हैं |
      स्थानीय  शाखा प्रबंधक के द्वारा कैंप की सुविधा व् ग्रामीणों को विशेष ब्याज दरों एवं महिलाओं और बच्चों के सम्बन्ध में आकर्षक योजनाओं के विषय में बताने के साथ उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाता है | सोसाइटी  बीमा , के.सी.सी. (किसान क्रेडिट कार्ड)  महिला  स्वयं सहायता समूह के विषय में ख़ास ध्यान आकर्षित करने का   निरंतर प्रयास  कर रही है | संस्था के द्वारा इस अभियान को इस  वित्तीय वर्ष के  अंत तक आयोजित किया जायेगा  |  इन कार्यक्रमों से प्रदेश  के ग्रामीण अंचलों में वित्तीय साक्षरता का प्रभाव सकारात्मक पड रहा है | सोसाईटी के  निष्टावान और कर्मठ कलाकारों के द्वारा समय-समय पर इस विषय   से संन्बंधित  फिल्म दिखाने का आयोजन भी  अग्रिम माह  यानि जनवरी  से शुरू होगा | इस  अभियान के अंतर्गत सोसाइटी   निशुल्क स्वास्थ्य कैंप भी  करेगी |

एक चिट्ठी देश के नाम


वाह रे, मेरे प्यारे देश। क्या बताऊं तुझे, मैं आज तेरे बारे में। जिन धर्मों के कारण तू विश्व शान्ति का प्रतीक माना जाता था, जिन धर्मों से तुझमें अपार प्रेम का सागर उमड़ता था, जिन धर्मों से तुझमें सकारात्मकता से परिपूर्ण उर्जा, उत्साह, उल्लास और उमंग की अनंत धाराएं प्रवाहित होती थी और तुझमें बसे अनेकों तरह के धर्म, अनेको प्रकार की जातियां और बहुत सी विभिन्नताएं सभी मिलकर पूर्ण एकता और अखंडता का बोध कराते थे। क्या-क्या याद करूं मै, तेरी इन यादों को।
लेकिन वो सब अब कहां चला गया ए मेरे प्यारे देश। ये अब सिर्फ यादें ही बनकर रह गयी है।
मेरे प्यारे देश आज तुझे मै क्या संज्ञा दूं। तुझे अभागा कहना भी पूरी तरह से सही नहीं है। लेकिन मेरा मन आज तुझे अभागे देश की ही संज्ञा दे पा रहा है।
ओ अभागे सुन आज तुझमें कितने कीड़े पड़ गये है। जो उस धर्म के नाम पर (जिनका वर्णन ऊपर दिया गया है) तुझे लूटते जा रहे है। तेरे शरीर पर हर तरह के अनेकों छेद किये जा रहें है। इतना ही नहीं अभागे.....। तेरी अखंडता में से ‘अ’ को हटाकर उसे एकता में ‘न’ के साथ जोड़कर तेरे ही गुणों से छेड़छाड़ करके तुझे अपमानित किया जा रहा है। जिससे तुझमें खंडता और अनेकता का समावेश हो गया है। अरे कब समझाएगा इन कीड़ो को मेरे भारत ?
आज तुझमें पल रहे करोड़ो-अरबों लोगों की क्या दशा और क्या दिशा है? कहाँ गये तेरे भगत, राजगुरू और सुखदेव। कहाँ गये वो बिस्मिल और आजाद। उनका भी तो कोई धर्म होगा, कोई जात होगी, कोई स्वार्थ होगा, कोई सपना होगा। ....... हां ये सब था उनके पास भी। लेकिन उनकी और आज तुझमें पल रहें कीड़ों, मंडरा रहें मच्छर-मक्खियों की सोच में अंतर का मामला जरूर है, मेरे भारत।
जहां एक ओर उन अभागों ने अपनी पूरी जवानी भी नहीं देखी थी। तेरे बहते आँसूओं को पोंछने के लिए, गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए, तुझे फिर से सोने की चिड़ियाँ बनाने के लिए, उन अभागें दीवानों ने तो अपनी जात-धर्म सब भूल-भालकर, तुझे ही अपना सब कुछ दे दिया था और तेरी इस तरह सेवा करना ही अपना धर्म माना। देशधर्म। लेकिन आज अफसोस है कि साईकिल का पहिया सामने की बजाय पीछे की ओर चलने लगा है। देशधर्म को भी सैकड़ो टुकड़ों में खंडित करने की कोषिषे की जाती है। आओ रे कोई अब भगत, राजगुरू, सुखदेव भी तो बनों।
तड़पता हूं ऐ भारत तेरे जिस्म के जख्म देखकर। जहां तेरे रोम-रोम में एक डर सा समाता जा रहा है। धर्म के नाम पर हमें भड़काया जा रहा है। बहकाया जा रहा है। डरा-धमकाकर हमारे मान-सम्मान को वैश्विक बाज़ारों के खुले चैराहों पर बेचा जा रहा हैं। आस्था के नाम पर नरक रूपी स्वर्ग में भेजा जा रहा है। पाप रूपी धर्म कराया जा रहा है। हिंसा रूपी अहिंसा का संदेश दिया जा रहा है। ओ रे अभागे इतना ही नहीं तेरे जिस्म के जख्मों के भी पार जाकर तेरी ‘‘नारी’’ रूपी आत्मा को भी प्रताड़ित किया जा रहा है इसी धर्मान्धता की आड़ में। तुझमें पलने वाले वो संत-महात्मा कहां गये। जिनकी आस्था से, श्रद्धा से तेरे लाखों-करोड़ों श्रद्धालु जुड़े हुए हैं। आज तो उनकी श्रद्धा के साथ भी गद्दारी की जा रही है, कुछ जहरीले विधर्मी बिच्छुओं के ही हाथों। हाय रे... शायद आज वो संत-महात्मा भी अभागे बन चुके है। जो तेरी आत्मा ‘‘नारी’’ को पूजते थे। जहां तेरी ये आत्मा पूरे विष्व जगत में अपनी मान-मर्यादा के कारण प्रसिद्ध थी। पूजी जाती थी।
घावों पर नमक छिड़क जाता है, हाय रे, आज वहीं पर ये आत्मा अपनी मान-मर्यादा रूपी साड़ी को कफन में देखने को विवश हो रही है और पूजी नहीं जा रही बल्कि तेरी ही आत्मा को तेरे धर्मान्धता राक्षस तरह-तरह के नाच नचा रहे है। और वो भी विवश है। अफसोंस........ रे भारत तेरी आत्मा का (नारियों)।
अरे भारत तुझे कुछ समझ में तो आ रहा है न कि तेरी बिमारी क्या है? कोई इलाज, कोई दवा ढूंढ इन बीमारियों को मिटाने के लिए। ये सब तेरी श्रेष्ठता की चिंता किये बगैर ही, अपने को श्रेष्ठ बनाकर तुझ पर अधिकार करना चाहतें है, तेरी प्रबल शक्ति (धर्म) को हथियार बनाकर तुझ पर ही वार करना चाहते हैं। अपनी-अपनी राजनीति चमकाना चाहते है। और फिर तुझे लूट-पाट कर तेरे उस फिरंगी दुश्मन ब्रिटेन (लंदन), जिसने तुझे लगभग 200 वर्षों तक गुलाम रखा, तुझे जमकर लूटा। उस कमीने की चड्डी में घुस कर अपने ऐश-अय्याशी में डूबकर दुनियां में तेरी नाजुकता और भोलेपन का मज़ाक उड़ायेंगे। ऐ भारत ये तो मै तुझसे सिर्फ धर्म के मामलें में ही बात कर रहा हूं रे अभागे। वैसे तो इन कीडों ने कितने ही मामले बना रखे होंगे, तुझे तड़पाने के लिए। खै़र अभी तो मै केवल तुझे धर्म की ही जानकारी दे रहा हूं। और जानकारी भी इसलिए दे रहा हूं। क्यूंकि या तो तुझमें इतनी सहनशक्ति आ गयी कि तू ये सब सह रहा है, या फिर तू अपने लिए बनाये कानूनों को भी भूल चुका है। तुझे भी अब चुप नहीं बैठना है। जाग अब तो जाग, अब जागने का समय आ गया है रे भारत।
मै भी तुझमें निवास करने वाला हूँ। तेरी अखंडता को, एकता को, वापस बनाना चाहता हूँ। क्यूंकि मै भी तो तेरे शरीर का ही हिस्सा हूँ ना। छोटा हूँ तो क्या हुआ लेकिन दर्द मुझे भी होता है। तड़पता मै भी हूं। जलता हूं। छटपटाता हूं लेकिन मुझे भी संकोच है कि आखिर मैं एक मिट्टी के कण जितने प्राणी सा क्या तेरे गद्दारों के विरूद्ध खड़ा रह पाऊंगा। लेकिन मै खड़ा होऊंगा उन सभी गद्दार कीड़ों के विरूद्ध जो अब बड़े विषधारी बिच्छू का रूप धारण कर रहें है। क्या हुआ मै मिट्टी का कण हूं तो। मेरे जैसे ही तुझमें और भी तो कण होंगे ही न। करोड़ो। करोड़ों में से भी लाखों कण मिल भी तो सकते है न। तुझ पर अपना लेप लगा कर तेरा रोग मिटाने के लिए।
मुझे पता है मेरी ये छोटी सी चेतना तुझे कड़वी लगी होगी। ये है भी कड़वी। लेकिन अब मै तुझसे कसम खाता हूँ कि इन धर्मान्धता रूपी कीड़े-बिच्छूओं को, भ्रमित मच्छर-मक्खियों को हटाने के लिए तेरे ही कणों के साथ, तुझमें निवास करने वाले मेरे साथियों के साथ मिलकर तेरी अखंडता, एकता, मान-मर्यादा और तेरी आस्था तुझे वापस लौटाने के लिए अब मै बिल्कुल तैयार हूँ, लेकिन ये तेरे साथ के बिना अधूरा है। तू बस मुझे अपना साथ दे, प्यार दे। जिससे मै तुझे अभागे देश से फिर से प्यारा देश बनाने की कोशिशे कर पांऊ और लड़ पांऊ।
जय हिंद, जय भारत।

शनिवार, 23 दिसंबर 2017

जेपी आंदोलन से उभरे लालू यादव

राजनीति में भले ही लालू यादव का कद वैसा नहीं रहा जैसा कि 90 के दशक में रहा था, लेकिन आम आदमी में आज भी लालू यादव को लेकर एक क्रेज है, जो कायम है. 90 के दशक में उत्तर भारत के दो ही नेता बड़े माने जाते थे मुलायम सिंह यादव और लालू यादव. मुलायम सिंह बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, लेकिन छोटे राज्य बिहार का होने के बावजूद लालू यादव की ठसक ज्यादा थी और वे लोगों को ज्यादा अपील करते थे. लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे, लेकिन इनकी रैली जब बिहार से बाहर भी होती थी तो लोग इन्हें सुनने के लिए हजारों की संख्या में पहुंचते थे. 

लालू यादव का जन्म एक गरीब यादव परिवार में हुआ था. इन्होंने स्कूली शिक्षा गांव के स्कूल से ही पूरी की और फिर पटना के बीएन कॉलेज से एमए की डिग्री ली. इन्होंने कानून में स्नातक भी किया है.


 लालू यादव ने राजनीति में पदार्पण जयप्रकाश नारायण के जेपी आंदोलन से किया था. वे छात्र नेता रहे और 1977 में आपातकाल के बाद लोकसभा चुनाव जीते. पहली बार 29 साल की उम्र में लालू यादव लोकसभा पहुंचे थे और वे उस समय के सबसे युवा सांसद में से एक थे. वे सत्येंद्र नारायण सिन्हा के काफी करीबी रहे थे. 1980 से 1989 तक वे दो बार विधानसभा के सदस्य रहे और विपक्ष के नेता पद पर भी रहे.

1990 में जब जनता दल की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री वीपी सिंह राम सुंदर दास को मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, जबकि चंद्रशेखर रघुनाथ झा को. ऐसे में उप प्रधानमंत्री लालू यादव को सीएम उम्मीदवार के रूप में नियुक्त किया.


 लालू यादव के राजनीतिक जीवन की प्रमुख घटनाओं में से एक है भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी. अयोध्या राममंदिर के मुद्दे को लेकर 1990 में आडवाणी ने एक रथयात्रा सोमनाथ से निकाली थी, इस रथयात्रा को बिहार के समस्तीपुर में रोक दिया गया था और लालू यादव के आदेश पर लाल कृष्ण आडवाणी गिरफ्तार कर लिये गये थे.

 लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, चारा घोटाला में जब उन्हें 1997 में जेल जाना पड़ा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया.

शनिवार, 9 दिसंबर 2017

बिहार में निवेशकों को मिली हैं तमाम सुविधाएं

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की नयी आईटी प्रोत्साहन नीति के तहत तमाम सुविधाएं  मुहैया करायी जा रही हैं. निवेशकों को स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन व लैंड यूज कनवर्जन शुल्क से मुक्त कर दिया गया है.

कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गये मोदी ने कहा कि उत्पादन शुरू होने के बाद निवेशकों को बैंक लोन पर 10 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. स्वीकृत परियोजना लागत का 125 प्रतिशत राज्य जीएसटी का उन्हें पुनर्भुगतान कर दिया जायेगा.

इसके अलावा भी अन्य तरह की कई सुविधायें शुरू की गयी हैं. उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. पटना के डाकबंगला इलाके में एक एकड़ आईटी टावर, पटना के नजदीक बिहटा में 25 एकड़ में आईटी पार्क और राजगीर में 106 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक सह आईटी सिटी का निर्माण भी प्रस्तावित है.

स्कूल से लौट रही शिक्षिका की हत्या

नालंदा  दयालपुर गांव के पास एनएच 30ए से गदनपुरा जानेवाली सड़क पर शुक्रवार को स्कूल से घर लौट रही शिक्षिका की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. शिक्षिका अंशु कुमारी चंडी प्रखंड के गदनपुरा निवासी जदयू कार्यकर्ता शैलेंद्र कुमार की बेटी थी. वह नगरनौसा प्रखंड के चिस्तीपर उच्च विद्यालय में पदस्थापित थी. वह पढ़ाने के लिए उच्च विद्यालय, चिस्तीपुर गयी थी.

लौटने के दौरान टेंपो से उतरते ही अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी. इससे मौके पर ही मौत हो गयी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अपराधी चार की संख्या में थे. दो अपराधी स्कूटी व दो बाइक पर सवार थे.

स्थानीय लोगों ने बताया कि टेंपो से उतरने वाले अन्य यात्रियों ने शोर मचाना शुरू किया तो अपराधियों ने डराने की नीयत से पिस्तौल तान दी. घटना से नाराज स्थानीय लोगों ने एनएच 30ए को दयालपुर गांव के पास जाम कर दिया. इस दौरान बाइक सवारों से नोक-झोंक भी हुई. इस पर बाइक सवारों की पिटाई कर उनकी बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया. मृतका की ससुराल हिलसा थाने के गुलाबचक गांव में है. 

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017

प्रदेश के हर क्षेत्र में चहुमुखी विकास किया

Pix-Surendra Jain Paras
जयपुर । राज्य सरकार के सफलतम 4 वर्षो के दौरान स्वायत्त शासन विभाग द्वारा प्रदेश में जारी विभिन्न योजनाओं अमृत योजना, स्मार्ट सिटीज मिशन, हृदय योजना, अन्नपूर्णा रसोई योजना, मुख्यमंत्री जलस्वावलम्बन अभियान, यूआईडीएसएसएमटी, सीवरेज परियोजना, सड़क मरम्मत एवं पुनरूद्धार कार्य, पेयजल परियोजना, आर.ओ.बी./आर.यू.बी. योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट राज परियोजना, एनर्जी सेविंग परियोजना, स्वच्छ भारत मिशन, दीनदयाल अन्त्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, अग्निशमन सेवाओं का विस्तार, गौरव पथ, आरयूआईडीपी फेज-तृतीय के माध्यम से प्रदेश के हर क्षेत्र में चहुमुखी विकास किया  है।

नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचन्द कृपलानी ने नगर नियोजन कार्यालय में आयोजित प्र्रेस कांफ्रेस में बताया किः-

अमृत योजनाः माननीय प्रधानमंत्री महोदय द्वारा 25 जून, 2015 को अमृत योजना का शुभारंभ किया गया है। योजना के प्रमुख कार्यो में जलापूर्ति, सीवरेज सुविधाएं व सेप्टेज प्रबंधन, बाढ़ को कम करने के लिए वर्षा जल नाले, पैदल मार्ग, गैर-मोटरीकृत व सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं, पार्किंग स्थल एवं विषेषतः बच्चों के लिए हरित स्थलों और पार्कों व मनोरंजन केन्द्रों का निर्माण और उन्नयन करके शहरों की जन सुविधाएं बढ़ाकर नागरिक जीवन को ऊॅचा उठाना है। अमृत योजना के अंतर्गत राज्य के कुल 29 शहरों- जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, पाली, हनुमानगढ़, अलवर, सीकर, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, चुरू, बारां, चित्तौड़गढ़, नागौर, बूंदी, श्रीगंगानगर, टोंक, झुन्झुनू, भिवाड़ी, ब्यावर, गंगापुरसिटी, हिण्डौनसिटी, सुजानगढ़, किषनगढ़ व झालावाड़ को चयनित किया गया है। राज्य के लिए योजना अवधि में केन्द्र सरकार द्वारा रू. 3223.94 करोड़ का बजट प्रावधान स्वीकृत किया गया है। जिसके अन्तर्गत जलापूर्ति-1007.36 करोड़ रू. सीवरेज-2107.75 करोड़ रू. वर्षा जल नाले-29.83 करोड़ रू. एवं उद्यान- 79.00 करोड़ रू. के 88 परियोजनाओं के कार्य करवाये जा रहे है। अमृत योजना में अब 3187.11 करोड़ रू. की 88 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। जिनमें जलापूर्ति के 23,  सीवरेज के 31, नाले के 5 एवं पार्क के 29 कार्य सम्मिलित है। कुल स्वीकृत राषि में से 2343.47 करोड़ रु. के 51 कार्य आवंटित किये जा चुके है, 616.60 करोड़ रु. के 28 कार्य निविदा प्रक्रिया में है तथा 193.03 करोड़ रु. के 9 कार्यो की निविदाएं आमंत्रित की जानी है। कुल 88 कार्य प्रगति पर है।

स्मार्ट सिटी मिशनः 25 जून, 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन का शुभारंभ किया गया है। मिशन के प्रमुख कार्यो में पर्याप्त जलापूर्ति, सुनिश्चित विद्युत आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित सफाई, सक्षम शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन, गरीबों के लिए किफायती आवास, सक्षम आईटी कनैक्टिविटी और डिजीटेलाइजेशन, सुशासन, ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी एवं सुस्थिर पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा, महिला एवं बच्चों और वृद्ध नागरिको की सुरक्षा आदि शामिल है। स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत राज्य के चार शहरों - जयपुर, उदयपुर अजमेर एवं कोटा को चयनित किया गया है। परियोजना निधि में प्रत्येक शहर के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 500 करोड़ रू. एवं राज्य सरकार (राज्य एवं निकाय) द्वारा 500 करोड़ रू. कुल राशि रू. 1000 करोड़ रू. का प्रावधान किया गया तथा इस योजना में प्रतिवर्ष केन्द्र सरकार द्वारा 100 करोड़ रू. एवं राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ रू. प्रतिवर्ष का प्रावधान किया गया है।
केन्द्र सरकार द्वारा मिषन के तहत सम्मिलित चारों शहरों के लिए कुल 7025 करोड़ रू. का निवेष प्लान - जयपुर 2401 करोड़ रू., अजमेर 1947 करोड़ रू., उदयपुर 1221 करोड़ रू. एवं कोटा 1456 करोड़ रू. अनुमोदित किया गया है। मिषन के दिषा निर्देषानुसार समस्त चारों शहरों में स्मार्ट सिटी लिमिटेड़ (एसपीवी) का गठन किया जा चुका है। जयपुर, उदयपुर व कोटा में परियोजना प्रबन्धक सलाहकार (पीएमसी) की नियुक्ति की जा चुकी है। मिषन के तहत कुल 928.8 करोड़ रू. राषि सम्बन्धित स्मार्ट सिटीज को हस्तान्तरित की जा चुकी है। जिसमें केन्द्र व राज्यांश क्रमशः 579 करोड़ रू. व 349.80 करोड़ रू. है। अब तक कुल स्वीकृत राषि 7025 करोड़ रू. के 270 कार्यों में से 154.29 करोड़ रू. के 29 कार्य पूर्ण किये जा चुके है तथा 1114.91 करोड़ रु. के 34 कार्य प्रगति पर है एवं 2121.37 करोड़ रु. के 61 कार्य निविदाधीन है व 793.49 करोड़ रु. की 33 कार्यों की डीपीआर निर्माणाधीन है तथा 2597.53 करोड़ रू. की 113 कार्यों की डीपीआर तैयार की जानी है।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जयपुर शहर में 20 स्थानांे पर बाईसाईकिल शेयरिंग स्टेण्ड स्थापित किये जा रहे है। इसी प्रकार चार दिवारी के भीतर 50 राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम का निर्माण किया जायेगा। अब तक 15 राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। जयपुर शहर में 50 स्थानों पर स्मार्ट टाॅयलेट का निर्माण किया जा रहा है। अब तक योजना के तहत जयपुर शहर में 20 स्थानों पर स्मार्ट टाॅयलेट का निर्माण किया जा चुका है।

राष्ट्रीय पुरातत्व विकास एवं पुरूद्धार योजना (हृदय)ः शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरातत्व विकास एवं पुरूद्धार योजना (हृदय) स्कीम 21 जनवरी, 2015 को शत-प्रतिषत भारत सरकार के सहयोग से पुरातत्व महत्व के शहरों को समग्र विकसित करने के लिए प्रारम्भ की गई है।
अजमेर शहर के लिए हृदय योजनान्तर्गत नया बाजार विरासत सैर पहली पुनरोद्धार योजना है। योजना के तहत 22.80 एकड़ क्षेत्रफल में कुल सैर लंबाई 1.80 कि.मी. अकबरी किला, सोनी जी की नसियां, बादषाही हवली, घी मण्डी गेट व अन्य पुरातात्विक स्थलों को सम्मिलित किया गया है। नया बाजार विरासत सैर परियोजना की कुल रू. 5.47 करोड़ की लागत की विस्तृत परियोजना तैयार की गई हैं। आनासागर व फायसागर के सुधार व जीर्णोद्धार के लिए 1169 करोड़ रूपये की परियोजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत आनासागर व फायसागर के आस-पास के अतिक्रमण हटाये जाकर वहाॅ ट्रेक, कैपेटेरिया तथा सौदर्यकरण आदि के कार्य किये जा रहे है। ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी पुष्कर में स्थित ऐतिहासिक भवनों के संरक्षण के कार्य के लिए एक परियोजना 6.16 करोड़ रूपये की तैयार की गई है। परियोजना में तेजी से कार्य जारी है। अजमेर से जयपुर की और आने वाली राजमार्ग सहित अजमेर के एन्ट्री पाईन्ट एवं अन्य सहयोगी सड़कों के सुधार के कार्य की 3.44 करोड़ रूपये की परियोजना तैयार की गई है तथा परियोजना में कार्य तेजी से जारी है। अजमेर के सुप्रसिद्ध सुभाष उद्यान की कायाकल्प किये जाने के लिए एक महत्वाकंक्षी योजना 8.30 करोड़ रूपये की तैयार की गई है। जिसके तहत सुभाष उद्यान में वांकिग ट्रेक, ओपर जिमनेजियम, बच्चों के खेल-कूद के उपकरण तथा पेड़-पौधे व अन्य सुविधाएॅ विकसित की जा रही है।

स्मार्ट राज परियोजनाः प्रदेश की समस्त 191 नगरीय निकायों में वेब बेस्ड ई-गर्वनेन्स आधारित स्मार्ट राज परियोजना प्रारम्भ की गई है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 125 करोड़ रू. है। इस परियोजना के अन्तर्गत राज्य स्तरीय डेटा सेंटर एवं समस्त निकायों में हार्डवेयर व नेटवर्किंग का कार्य सम्मिलित है। शहरी विकास कर के दायरे में विस्तार के लिए प्रत्येक मकान/दुकान इत्यादि का सर्वें करना, केन्द्र सरकार की अमृत योजना में प्रस्तावित सुधारों को लागू करना, स्मार्ट राज पोर्टल के माध्यम से आम नागरिकों द्वारा सेवाओं को आनलाईन लेने में सक्षम हो सकेगा, सभी नागरिक कभी भी एवं किसी भी समय विभिन्न सेवाऐं लेने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते है एवं भुगतान आनलाईन स्मार्ट राज पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा।
नगरीय विकास कर के लिए सभी मकानों/दुकानों का सर्वे करना, 28 सेंवाऐं आनलाईन उपलब्ध कराना (जिनमें 7 सेंवाऐं राज्य सरकार द्वारा पूर्व से ही चालू है एवं 21 आनलाईन सेवाएंे स्मार्ट राज परियोजना के अन्तर्गत बनायी जानी है)। परियोजना के अन्तर्गत आनलाईन सेवाओं में भुगतान प्राप्त करना, व्यापार लाइसेंस, मांग पत्र जारी करना, गृह कर निर्धारण एवं भुगतान, डबल एन्ट्री लेखा का संधारण, सम्पत्ति का प्रबंधन, संस्थापन का प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, भवन निर्माण स्वीकृति, अनापत्ति प्रमाण पत्र, निविदा एवं निर्माण कार्यों का प्रबंधन, ई-आॅक्षन, वेब पोर्टल, भंडार का प्रबंधन, लीज के बिल तैयार करना एवं प्राप्त करना एवं नगरीय सम्पत्ति का प्रबंधन शामिल है।
भवन निर्माण स्वीकृति:- आॅनलाईन बिल्डिंग प्लान स्वीकृती, नगरीय विकास कर जमा कराना, ट्रेड लाईसेंस स्वीकृति, अग्निशमन अनापत्ति जारी करना। प्रदेश के 7 संभागीय मुख्यालयों जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, कोटा एवं उदयपुर व 2 जिला मुख्यालयों बून्दी एवं सवाईमाधोपुर में 01 अक्टूबर, 2017 से ई-गर्वनेन्स के अन्तर्गत स्मार्ट राज पोर्टल के माध्यम से आॅनलाईन बिल्डिंग प्लान स्वीकृती, नगरीय विकास कर जमा कराना, ट्रेड लाईसेंस स्वीकृति, अग्निशमन अनापत्ति जारी की जायेगी। राज्य डाटा सेंटर में सर्वर स्थापित एवं चालू तथा 32 नगरीय निकायों में नेटवर्किंग का कार्य सम्पन्न हो चुका है एवं कम्पयूटर व प्रिंटर भी सप्लाई हो चुकी है तथा स्मार्ट राज वेब पोर्टल पर 4 माॅड्यूल्स (बिल्डिंग परमिशन, फायर, एन.ओ.सी., टेªड लाइसेन्स व यू.डी.टैक्स) आॅनलाईन गो-लाइव किये जा चुके है एवं   22.11 लाख प्रोपर्टीज (10.83 लाख प्रोपर्टीज स्थानीय निकायों द्वारा सत्यापित (5 प्रतिशत रेण्डम) की जा चुकी हैं) का सर्वे किया जा चुका है।

आरओबी/आरयूबीः प्रदेश में परिवहन व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में कुल 57 आरओबी/ आरयूबी के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है तथा इसके लिए 1708.71 करोड़ रूपये की एक महत्वाकांक्षी योजना बनायी गयी है। योजना में राज्यांश रू. 1059.32 करोड़ रू. एवं रेलवे अंशदान रू. 649.38 करोड़ रू. है। प्रदेश में कुल 57 आरओबी/आरयूबी में से 30 आरओबी/आरयूबी का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिनमें अलवर में 4, श्रीगंगानगर में 4, जयपुर में 3, जोधपुर में 2, कोटा में 2, बीकानेर में 2, चित्तौड़गढ़ में 2, बाड़मेर, सांगरिया, चैमू, सूरतगढ़, मकराना, नांवा, रायसिंह नगर, करनपुर, अजमेर, रींगस एवं भरतपुर शामिल है।

प्रधानमंत्री आवास योजनाः प्रधानमंत्री आवास योजना (सभी के लिए आवास-2022) में राजस्थान सरकार द्वारा एक नई पाॅलिसी (मुख्यमंत्री  जन आवास योजना-2015) लागू की गई है। योजना के अन्तर्गंत राज्य में राजकीय भूमि पर अब तक 27 शहरों में 43 योजनाऐं जिनमें ई.डब्ल्यू.एस. के 26231, एल.आई.जी. के 16155 कुल 42386 आवासों का निर्माण सम्मलित है। अब तक 11,992 आवासों का आवंटन किया जा चुका है। भीलवाड़ा शहर हेतु व्यक्गित आधारित निर्माण अनुदान के तहत 180 आवासों के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार से स्वीकृत करवाई जा चुकी है। केन्द्र सरकार द्वारा ई.डब्ल्यू.एस. आवासों हेतु राशि रू. 396.16 करोड़ का अनुदान स्वीकृत किया गया है तथा राशि रू. 104.30 करोड़ प्रथम किश्त के रूप में राज्य सरकार को हस्तान्तरित की गई है।

एनर्जी सेविगं प्रोजेक्टः राजस्थान मे स्ट्रीट लाईट के क्षेत्र मे ऊर्जा बचत करने के लिये ‘‘एनर्जी सेविगं प्रोजेक्ट“ तैयार किया गया। जिसके तहत पुरानी ट्युबलाईट/सोडियम लाईट के स्थान पर नवीनतम तकनीक युक्त एल.ई.डी. लाईट का उपयोग किया गया। इसका मुख्य उद्वेश्य सड़को पर प्रकाश की मात्रा मे वृद्धि करना व विधुत उपभोग मे कमी करना है। राजस्थान, मे इस योजना को पूर्णतयाः लागू करने के लिए सभी 191 निकायों तथा ई.ई.एस.एल. के मध्य एमओयू सम्पादन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है। प्रदेश में अभी तक 8.45 लाख एल.ई.डी. लाईटे लगाई जा चुकी है। 153 निकायो में कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है एवं 22 निकायो में कार्य प्रगति पर है। प्रोजेक्ट अवधि-7 वर्ष तक ई.ई.एस.एल. द्वारा ही रख रखाव कार्य किया जावेगा। इसके पश्चात सभी एल.ई.डी लाईटे व उपकरणों सम्बन्धित निकाय को संभला दिया जावेगा। वर्ष 2015-16, 2016-17 से अभी तक मे एल.ई.डी. लाईट लगने के पश्चात 832.99 लाख युनिट की विद्युत बचत की गयी एवं राजस्व में 6662.638 लाख रुपये की बचत हुई है।
प्रोजेक्ट, सम्पूर्ण राजस्थान में पूरा होने पर प्रतिवर्ष 1515.40 लाख यूनिट बिजली की बचत होगी व जिसकी राशि 12123.2 लाख रुपये है। राजस्थान सम्पूर्ण भारत मे सर्वाधिक एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईट लगाने मे प्रथम स्थान पर है। भारत सरकार, द्वारा राजस्थान को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2016 का प्रथम पुरस्कार 14 दिसम्बर, 2016 को ‘ऊर्जा संरक्षण दिवस‘ के अवसर पर नई दिल्ली मे दिया गया। राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग द्वारा भी इस प्रोजेक्ट को राजस्थान ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2016 के तहत प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मानित किया गया।

स्वच्छ भारत मिशनः देश में स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ 02 अक्टूबर, 2014 को किया गया तथा यह लक्ष्य निर्धारित किया गया कि सम्पूर्ण देश को जनसहभागिता के माध्यम से 02 अक्टूबर, 2019 तक पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाया जाये एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जन्म दिवस पर देश को पूर्ण स्वच्छ बनाकर उन्हें सच्ची श्रृद्धांजली दी जाये। शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) हेतु दिसम्बर 2014 मे दिशा निर्देश जारी कर मार्च 2015 मे मिशन क्रियान्विति हेतु राशि जारी की गई। भारत सरकार द्वारा अब तक 409.60 करोड़ रूपये तथा राज्यांश रूपये 247.37 करोड़ रूपये कुल 656.97 करोड़ रूपये नगरीय निकायों को हस्तान्तरित किये जा चुके है। इसके अतिरिक्त रूपये 140 करोड च्थ्डै के माध्यम से हस्तान्तरण किये जा चुके है। स्वच्छ भारत पोर्टल के अनुसार कुल 2 लाख 70 हजार  व्यक्तिगत घरेलू शौचालयो का निर्माण किया जा चुका है तथा 1 हजार सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयो का कार्य पूर्ण हो चुका है।
प्रदेश की 77 नगरीय निकायो को खुले मे शौचमुक्त घोषित किया जा चुका है। जिसमे से 14 निकायो को भारत सरकार द्वारा प्रमाणित किया जा चुका है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत् घर-घर कचरा संग्रहण के लिये राज्य की समस्त नगरीय निकायो को निर्देश प्रदान किये गये है। नगरीय निकायो द्वारा उपकरणो का क्रय किया जाकर राज्य के कुल 5300 वार्डो मे से 4250 वार्डो मे घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 610 टन कचरे का परिसंस्करण एवं निपटान किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य के 16 शहरो मे ठोस अपशिष्ठ प्रबन्धन के परिसंस्करण एवं निपटान हेतु प्लांट लगाये जा रहे है। जहाॅ पर अनुमानित 1500 टन प्रतिदिन कचरा प्रोसेसिंग हो सकेगा। जयपुर एवं जोधपुर मे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाये जा रहे है। जिनमे अनुमानित 1000 टन प्रतिदिन कचरे से लगभग 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा।

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिषनः दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिषन केन्द्रीय प्रवर्तित योजना है जिसमें केन्द्रीय अंष 60 तथा राज्यांष 40 प्रतिषत है। योजना का उद्देष्य बहुआयामी पहुँच के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए सतत् आजीविका के अवसर सृजित करना है। वर्ष 2014-15 से राज्य के 40 नगर निकायों में योजना प्रारम्भ की गयी थी, जिसका वर्ष 2016-17 में राज्य की सभी नगर 191 निकायों में विस्तार किया जा चुका है। योजना का उद्देष्य स्वरोजगार हेतु कम ब्याज-दर पर बैंक ऋण उपलब्ध कराना और कौषल प्रषिक्षण के माध्यम से शहरी गरीबों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है साथ ही शहरी गरीब महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक विकास को सुनिष्चित करने तथा आजीविका के अवसर प्रदान करने हेतु उन्हें समूहों तथा संगठनों के रूप में विकसित करते हुए मुख्य धारा से जोड़ा गया है। शहरी गरीब महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक विकास को सुनिश्चिम करने के लिए लगभग 100000 शहरी गरीब महिलाओं को 10235 स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया है तथा 5478 स्वयं सहायता समूहों को आंतरिक-ऋण व्यवस्था सुदृढ करने के लिए रू. 5.47 करोड़ आवर्ती कोष उपलब्ध कराया गया है।
व्यक्तिगत सूक्ष्म-उद्यमों की स्थापना के लिए 7014 शहरी गरीबों को 30.41 करोड़ रू. की धनराशि का ऋण प्रदान किया गया है। अब तक राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम, पेट्रोलियम मंत्रालय के संस्थान सिपेट तथा अन्य प्रषिक्षण प्रदाता संस्थानों यथा ए.टी.डी.सी., आई.एल.डी., ओला व राजकोन  के माध्यम से लगभग 16744 प्रषिक्षणार्थियों को निःषुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें से 4618 प्रषिक्षुओं को नियोजित भी किया जा चुका है। शहरी पथ विक्रेताओें की समस्याओं के समाधान, सुदृढ़िकरण तथा विकास सम्बन्धी क्रिया-कलापो हेतु अब तक 189 नगर निकायों में टाऊन वेन्डिंग कमेटियों का गठन किया जा चुका है। राज्य में परियोजना व अन्य मदों के अंतर्गत 6949 व्यक्तियांे की क्षमता वाले कुल 176 आश्रय स्थल निर्मित है, जिनमें से 136 का संचालन परियोजना के दिषा-निर्देषानुसार किया जा रहा है। राजस्थान राज्य में शहरी बेघरों के आवास के अधिकार को सुनिष्चित करने हेतु ‘‘षहरी बेघरों के लिए राजस्थान राज्य की नीति 2017’’ को अधिसूचित करने हेतु विधि प्रकोष्ठ को अगे्रषित किया जा चुका है। परियोजना के तहत प्रदेष में कुल 97 नवीन आश्रय स्थल स्वीकृत किये गये है, जिनमें से 61 का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं उनका सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेष में कुल 136 आश्रय स्थलों (परियोजना/अन्य मद में निर्मित) का संचालन परियोजना के प्रबन्धन एवं संचालन मद के अंतर्गत किया जा रहा है।

अन्नपूर्णा रसोई येाजनाः वित्तीय वर्ष 2017-18 में अन्नपूर्णा रसोई येाजना को राज्य की सभी 191 नगर निकायों में प्रारम्भ किए जाने की घोषणा बजट मंे की गई थी। माननीया मुख्यमंत्री श्रीमती वसंुधरा राजे द्वारा 15 दिसम्बर, 2016 को नगर निगम जयपुर में अन्नपूर्णा रसोई योजना का शुभारम्भ किया गया है। अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत श्रमिकों, रिक्षावालो, आॅटोवालो, कर्मचारियांे, विद्यार्थीयों, कामकाजी महिलाओं बुजूर्गो एवं अन्य असहाय व्यक्तियों तथा आम नागरिकों को 5 रूपये में नाश्ता एवं 8-8 रूपये में दोपहर एवं रात्रि भोजन उपलब्ध कराया जाता है। योजना के प्रथम चरण में 12 शहरों में 80 रसोई वैनों के माध्यम से 21000 व्यक्तियों को प्रतिदिन लाभान्वित किया जा रहा था। अन्नपूर्णा रसोई योजना द्वितीय चरण (विस्तार) का शुभारंभ 16 अक्टूबर, 2017 को विजयलक्ष्मी पार्क, अजमेर में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा किया गया। कार्य में पूर्ण पारदर्शिता रखते हुए खुली निविदाओ के माध्यम से कार्यकारी एजेन्सी (जीवन सम्बल चेरिटेबल ट्रस्ट, कोटा) का चयन कर, अनुबन्ध किया गया है। प्रतिदिन 500 स्मार्ट रसोई वैनो के माध्यम से प्रतिदिन 4,50,000 लोगो को रियायती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाकर लाभान्वित किया जावेगा। अन्नपूर्णा रसोई योजना के अन्तर्गत नये अनुबंधमें प्रति वैन नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं रात्रि भोजन की संख्या को 100 से बढाकर 300 कर दिया गया है। नवीन अनुबन्ध में नाश्ता की मात्रा को 250 ग्राम से बढाकर 350 ग्राम तथा दोपहर एवं रात्रि के भोजन की मात्रा को 350 से बढाकर 450 ग्राम किए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही नवीन अनुबन्ध में साधारण रसोई वैनों के स्थान पर स्मार्ट रसोई वैनों का प्रावधान किया गया है, जिसमंे सीसीटीवी कैमरे, स्क्रीन इत्यादि से सुसज्जित रहेगें। इसके साथ ही भोजन में माइक्रोन्यूट्रेंट का भी उपयोग किया जाएगा। अन्नपूर्णा रसोई योजना का पूर्णतया ई -मोनेटरिंग सिस्टम को अपनाया जाएगा, जिसके लिए निविदादाता द्वारा निदेशालय में स्वयं के खर्चे पर मोनेटरिंग सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। 

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (नगरीय)ः राज्य में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (नगरीय) में राज्य के कुल 191 शहरों मे से 66 शहरों का चयन किया गया है अर्थात् प्रत्येक जिले से जिला मुख्यालय सहित 2 शहरों का चयन किया गया है। चुने गये 66 शहरों मे अभियान 9 दिसम्बर 2016 को प्रारम्भ किया गया है। अभियान के अन्तर्गत राजकीय भवनों (छत क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर व अधिक) पर रूफ टाॅप रेनवाटर हारवेस्ंिटग संरचनाओं का निर्माण, प्राचीन बावड़ियों का जीर्णोंद्वार/मरम्मत कार्य, षहरी क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण/वनीकरण का कार्य तथा निजी भवन मालिकों को रूफ टाॅप रेनवाटर हारवेस्टिंग संरचनों के निर्माण व परकोलेषन पिट के निर्माण हेतु प्रेरित करना। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (नगरीय) प्रथम चरण हेतु रूप्ये 120.00 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया ह। वर्ष 2016-17 के लिये राषि रूपये 75.35 करोड का बजट आवंटन निर्धारित किया गया, तथा रूपये 53.91 करोड की राषि विभिन्न शहरों को जारी की गयी है। अब तक 1099 रूफ टाॅप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये जा चुके है तथा 222 बावड़ियों का कार्य पूर्ण हो चुका है। शहरी वनीकरण के लिये 56 शहरो मे स्वीकृत 69 कार्यो के लिये वृक्षारोपण कार्य माह जुलाई (वर्षा के दौरान) वन विभाग द्वारा शुरू किया गया और 65 कार्यो को पूर्ण कर दिया गया है।

गौरव पथः नगरीय यातायात को और अधिक सुगम बनाने के लिए प्रदेश की 191 नगरीय निकाय क्षेत्रों में गौरव पथ विकसित किये जाने की महत्वाकांक्षी योजना माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती वसंुधरा राजे के निर्देषों पर तैयार की गई है। गौरवपथ निर्माण कार्य के लिए शहर की एक मुख्य महत्वपूर्ण सड़क  (1 से 3 किमी लम्बाई) को गौरवपथ के रूप में विकसित किया जावेगा जो कि मुख्य आबादी से जुड़ी हुई है। योजना के लिए वर्ष 2016-17 में राजस्थान परिवहन आधारभूत विकास निधि (आरटीआईडीएफ) से राषि रूपयें 89.27 करोड़ व्यय करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में राषि रूपयें 357.10 करोड़ दिये जाने की सैद्धान्तिक सहमति भी दी गई है।
प्रदेश की 179 नगरीय निकायेां में गौरव पथ का निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है।  इस योजना पर अनुमानित व्यय राषि रूपयें 44637.00 लाख होने की संभावना है। योजना के तहत प्रत्येक नगरीय निकाय में गौरव पथ निर्माण पर 02.00 करोड़ रूपये व्यय किये जाने का प्रावधान किया गया है। गौरवपथ का निर्माण नगर निकाय जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, अलवर, भिवाड़ी व श्रीगंगानगर नगरीय निकाय क्षेत्रों में स्वय के राजस्व स्त्रोत से करवाया जायेगा। गौरव पथ योजना के तहत प्रदेश की 191 नगरीय निकायांे में 288.44 किमी. सड़कों का निर्माण किया जाना है। अब तक 158.43 कि.मी. सड़कों का निर्माण 152.60 करोड़ की लागत से किया जा चुका है। योजना के तहत 42 कार्य पूर्ण हो चुके है तथा 125 कार्य कार्य प्रगति पर है।

अग्निशमन सेवाएंः प्रदेश में सभी नगरीय निकायांे में अग्निशमन केन्द्र स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। वर्तमान में प्रदेश की 90 नगरीय निकायों में अग्निशमन केन्द्र स्थापित नहीं है। इन नगरीय निकायों में से 49 नगरीय निकायों द्वारा अग्निशमन केन्द्र स्थापना के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी है तथा 21 नगरीय निकायों द्वारा कार्यादेश दिये जा चुके है। इस कार्य पर 21.60 करोड़ रूपये व्यय होने का अनुमान है। वर्तमान में प्रदेश की 191 नगरीय निकाय में से 139 नगरीय निकायों में 390 अग्निशमन वाहन संचालित है। शेष 52 नगरीय निकायों में अग्निशमन सेवाओं को सुदृढ़ रूप से स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाये गये है। जिसके तहत 330 लाख रूपये की लागत से अग्निशमन वाहन क्रय करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है तथा पाॅचवें वित्त आयोग से प्राप्त राशि 64.70 करोड़ रूपये की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। नगर निगम जयपुर के लिए 70 मीटर एवं नगर निगम जोधपुर, उदयपुर एवं नगर परिषद भिवाडी के लिए 60 मीटर उचाई के एरियल हाईड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म क्रय किये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। उक्त एरियल हाईड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म के क्रय किये जाने पर 60.00 करोड़ रूपये व्यय होने का अनुमान है।

सीवरेज परियोजनाः केन्द्र सरकार द्वारा योजना के अन्तर्गत राज्य के 11 शहरों-चिड़ावा, नवलगढ़, सूरतगढ़, भादरा, लक्ष्मणगढ़, जैतारण, रामगढ़ शेखावाटी, निम्बाहेड़ा, बड़ी सादड़ी, फतेहनगर सनवाड़ व कुशलगढ़ में 761.38 करोड़ रु. की सीवरेज परियोजनाएं स्वीकृत की गई है। प्रदेश में कुल 721.94 कि.मी. सीवर लाइन में से 496.66 कि.मी. (68.79 प्रतिषत) सीवर लाईन डाली जा चुकी है। इस योजनान्तर्गत कुल 22 एसटीपी (42.00 एमएलडी) 03 सीवरेज पम्पिंग स्टेषन (10.50 एमएलडी) का निर्माण किया जायेगा। प्रदेश के पाॅच शहरों जैतारण, निम्बाहेड़ा, बड़ी सादड़ी, फतेहनगर-सनवाड़ व कुशलगढ़ में दिसम्बर 2017 तक तथा छः शहरों चिड़ावा, नवलगढ़, भादरा, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़ शेखावाटी व सूरतगढ़ में मार्च, 2018 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।

सीवर लाईनः प्रदेश के सात शहरों-बालोतरा, बाँसवाड़ा, श्रीगंगानगर, डीडवाना, मकराना, फतेहपुर शेखावाटी, नाथद्वारा में सीवर लाईन ड़ालने एवं ट्रीटमेन्ट प्लाॅट कार्य हेतु  472.44 करोड़ रू की राषि स्वीकृत की गई है। अब तक 493.74 कि.मी. सीवर लाइन में से 467.09 कि.मी. (94.60 प्रतिषत) सीवर लाईन डाली जा चुकी है। बाॅसवाड़ा व नाथद्वारा शहर में सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लाॅट का कार्य नही है क्योंकि वहाॅ पहले से ही एस0टी0पी0 उपलब्ध है। शेष पाॅच शहरों (मकराना (1) फतेहपुर शेखावाटी (1), बालोतरा (1), डीडवाना (1), श्रीगंगानगर (3) कुल सात एस.टी.पी बनाये जाने है। कुल सात एसटीपी में से 5 का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा श्री गंगानगर के 2 एस.टी.पी सुरतगढ़, शुगर मील का कार्य प्रगति पर है। श्रीगंगानगर व नाथद्वारा में क्रमशः एसटीपी व सीवरेज का कार्य तेजी से जारी है।

सड़क निर्माण/पुनरूद्धार कार्यः माननीय मुख्यमंत्री महोदया द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में राज्य के 191 स्थानीय निकाय क्षेत्रों में 1000 करोड़ रू. के सड़क निर्माण/पुनरूद्धार कार्य करवाने की घोषणा की गई है। क्षतिग्रस्त/खराब सड़कों का निर्माण/मरम्मत कार्य करवाए जाने हेतु समस्त नगरीय निकायों द्वारा तैयार तकनीकी अनुमान के आधार पर निविदाएॅ आमंत्रित की कार्यवाही की जा रही है। इन कार्यो के कार्यादेश दिसम्बर माह में जारी किये जाना प्रस्तावित है। समस्त शहरी निकायों की सम्बद्ध सड़कों की मरम्मत/पनरूद्धार का कार्य माह जनवरी, 2018 में शुरू करवाया जाकर अक्टूबर, 2018 तक पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है।

आरयूआईडीपी फेज तृतीयः आरयूआईडीपी फेज तृतीय में टोंक, पाली, श्रीगंगानगर, झुन्झुनू, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़ शहरों में सीवरेज व वाटर सप्लाई के लिये 3660 करोड रूपये की परियोजना पर कार्य प्रारम्भ किया गया है। परियोजना ऋण राषि 2200 करोड़ रूपये है। जिसमें से 1500 करोड़ रूपये की प्रथम किश्त प्राप्त हो चुकी है। परियोजना में जलप्रदाय, सीवरेज के कार्य किये जायेंगे। प्रोजेक्ट ऋण के अन्तर्गत छः शहर क्रमषः श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझनू, पाली, भीलवाड़ा एवं टोंक को शामिल किया गया है। कुल स्वीकृत 8 पैकेज (पाली में 2 एवं अन्य शहरों में 1-1 कार्य) आवंटित किये जा चुके हैं। अब तक लगभग राशि रूपये 2410 करोड़ के आवंटित कार्यों में अब तक 258 करोड़ रूपये का व्यय किया जा चुका है। प्रोग्राम लोन:प्रोग्राम लोन के तहत लगभग 250 मिलियन डालर (राशि 1500 करोड़) के तहत 7 शहरों यथा कोटा, झालावाड़, सवाई माधोपुर, उदयपुर, बीकानेर, माउण्टआबू एवं बांसवाड़ा में मलजल प्रबंधन आदि के कार्य कराये जाना प्रस्तावित है। प्रोग्राम ऋण के अन्तर्गत 07 मे से 05 शहरो में कार्य राषि रूपये 625 करोड के आवंटित किये जा चुके है तथा शेष 02 शहरो में कुल राषि रूपये 750 करोड यथा कोटा(663 करोड) व माउन्टआबू (87करोड) में सीवरेज कार्य हेतु निविदाएॅ आमंत्रित की जाकर कार्यादेष हेतु स्वीकृति की प्रक्रिया में है। 

गुरुवार, 7 दिसंबर 2017

नीतीश कुमार के दहेज उन्मूलन कानून का असर नालंदा में नहीं दिख रहा है

नालंदा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाल विवाह के खिलाफ और दहेज उन्मूलन को लेकर पूरे राज्य में अभियान चला रहे हैं, लेकिन उनके अभियान का असर नालंदा में नहीं दिख रहा है। नालंदा के कचहरिया गांव में दहेज में बाइक नहीं देने पर ससुराल वालों ने विवाहिता को घर से निकाल दिया। पीड़िता ने पति़, ननद और सास के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

जानकारी के अनुसार, जिले के चण्डी थाना क्षेत्र के कचहरिया गांव की रहने वाली युवती की शादी इसी साल अप्रैल महीने में पटना के धनंजय के साथ हुई थी। कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन बाद में ससुराल वाले युवती से दहेज में मोटरसाइकल की मांग करने लगे।



गरीबी के कारण जब उसके पिता ने बाइक देने में असमर्थता जाहिर की तो उसके पति और सास ने मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया। ससुराल से निकाले जाने के बाद युवती अपने घर वालों के साथ थाना पहुंची। थाना में पति, ननद और सास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करा कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।



इससे पहले सुपौल जिले के जदिया थानांतर्गत कजहा टोला में दहेज के लिए ससुराल वालों ने युवती की हत्या कर शव को पेड़ पर लटका दिया था। हालांकि मामले में पुलिस ने मृतका के ससुर और उसके बड़े भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं कुछ दिन पहले भागलुपर में भी दहेज के लिए एक नवविवाहिता की गाला दबाकर हत्या करने का मामला सामने आया था।

औद्योगिक निवेशकों की पहली पसंद राजस्थान

Pix- Surendra Jain Paras
जयपुर,। उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री  राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार के समन्वित, आक्रामक व योजनाबद्ध प्रयासों से आज देश में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में राजस्थान देशी-विदेशी निवेशकों की पहली पंसद बन गया है। उन्होंने कहा कि विगत चार सालों में प्रदेश मेंं आधा दर्जन से अधिक मल्टीनेशनल कंपनियाें हीरो मोटोकार्प, जेसीबी, होण्डा कारस, सेंट गोबेन, परटों, श्री बल्लभ पित्ती समूह, आरएसड्ब्लूएम आदि ने उद्योग स्थापित किए हैं। उन्होंने बताया कि जापान सरकार के आग्रह पर प्रदेश में घिलोट में दूसरा जापानी जोन विकसित किया गया है। राज्य में नीमराना व अजमेर के सिंघाना में सिरेमिक पार्क विकसित हो रहे हैं।

उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री उद्योग भवन मेें सरकार के चार वर्ष के अवसर पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक निवेश आकर्षित करने के अनवरत प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश में रिसर्जेंट राजस्थान के दौरान किए गए निवेश के एमओयू को धरातल पर उतारने में समूचे देश में राजस्थानअग्रणीरहा है। रिसर्जेंट राजस्थान में प्राप्त 3.38 लाख करोड़ रु. के निवेश प्रस्तावों में से 2.02 लाख करोड़ रु. की परियोजनाओं पर निवेशाधीन है। उन्होेंने बताया कि निवेश प्रस्तावों के रुपांतरण में राजस्थान ने 60 प्रतिशत की दर हासिल की है जोकि अपने आप में कीर्तिमान है।

शेखावत ने बताया कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए लागू राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 का लाभ प्राप्त करते हुए प्रदेश में 2204 उद्यमियों द्वारा 44 हजार 500 करोड़ रु. का निवेश किया गया है। उन्होंने बताया कि गत माह ही नई दिल्ली में आयोजित वल्र्ड फूड इण्डिया में पार्टनर स्टेट के रुप में हिस्सा लेते हुए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 540 करोड़ रु. के विनियोजन के एमओयू किए गए हैं।

शेखावत ने बताया कि इज आफॅ डूइंग बिजनस क्षेत्र में भी राजस्थान देश के लीडर प्रदेशों की श्रेणी में शामिल है। 13 विभागों की 69 सेवाएं ऑन लाईन उपलब्ध कराई जाने लगी है। प्रगतिशील श्रम सुधारों के जरिए राजस्थान ने देश को एक नई राह दिखाई है।

शेखावत ने बताया कि विगत चार सालों में राज्य में 25 नए औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए गए हैं। रीको द्वारा 12,479 एकड़ भूमि अवाप्त कर 4,658 एकड भूमि विकसित की है। उन्होंने बताया कि देश में सबसे बड़े औद्योगिक भूमि बैंक स्थापित करने वाले प्रदेशों में से राजस्थान एक है। राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के विकास पर 2594 करोड़ रु. व्यय किए गए हैं। अलवर के सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र में इलेक्ट्रोनिक सिस्टम डिजाइन एण्ड मेन्यूफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन फिल्ड इलेक्ट्रोनिक मेन्यूफेक्चरिंग कलस्टर विकसित किया जा रहा है।
  उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि केन्द्र सरकार के यूएएम पोर्टल पर 2 लाख 23 हजार 431 लघु, सूक्ष्म एव मध्यम उद्योग पंजीकृृत हुए हैं। उद्यमियों की स्वघोषणा के अनुसार इन उद्यमों में 31 हजार 257 करोड़ का पूंजी विनियोजना व 11 लाख 82 हजार युवा रोजगार से जुड़ पा रहे हैं।
  शेखावत ने बताया कि राजस्थान की टेक्सटाइल इण्डस्ट्री को फाइबर से फैशन तक पंहुचाने के लिए इंटरनेशनल एक्जिविशन ‘‘वस्त्रा’’ का आयोजन कर इसकी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच व पहचान बनाई गई। उन्होंने बताया कि वस्त्रा में 55 मिलियन डॉलर मूल्य का कारोबारी अंतरण हुआ। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार स्टोनमार्ट का आयोजन कर राजस्थान के समृद्ध पत्थर उद्योग की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग को नई ताकत दी गई है।

उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लघु, सूक्ष्म एवं मध्य उद्योगों को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना व रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष 17 सितंबर को एमएसएमई वर्ष के रुप में मनाने की घोषणा की गई है। 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक एमएसएमई पखवाड़ें में 6179 औद्योगिक प्रोत्साहन शिविरों का आयोजन कर सीधा संवाद कायम किया गया है। प्रदेश में पहलीबार 5 उद्यमियों को उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया वहीं एक शिल्पी और एक बुनकर को पुरस्कृत किया गया। उन्होंने बताया कि उद्यमों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा व प्रोत्साहन की दृष्टि से 55 निर्यातकों को निर्यात पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  उद्योग मंत्री ने बताया कि विगत चार सालों में आरएफसी द्वारा 1131 करोड़ का ऋण स्वीकृत कर 795 करोड़ रु. का ऋण वितरित कर 19800 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। आरएफसी द्वारा ही उद्यमिता प्रोत्साहन योजना में 5 करोड़ रु. तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है जिसमें डेढ़ करोड़ रु. तक के ऋण पर 6 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन दिया जा रहा है। 210 उद्यमियों को ऋण दिया गया है। इसी तरह से रीको ने 731.19 करोड़ रु. के ऋण स्वीकृत कर 638 करोड़ रु. के ऋण वितरित कर दिए गए हैं। आरएफसी की प्रक्रिया को सरल करते हुए रीको औद्योगिक क्षेत्रों में होटल एवं हॉस्पिटल के लिए भी ऋण दिए जाने लगे हैं वहीं प्रोसेसिंग फीस में 50 प्रतिशत की कमी कर राहत दी गई है।

  शेखावत ने बताया कि भामाशाह रोजगार सृजन योजना में ब्याज अनुदान को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया है। चार सालों में 13751 आवेदकों को 200 करोड़ रु. का ऋण उपलब्ध कराया गया है। पीएमईजीपी योजना में 7721 उद्यमियों को ऋण दिया गया है। खादी निर्माण में 38391और ग्रामोद्योग में 14071 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया। रुडा द्वारा 11 हजार दस्तकारों को कौशल उन्नयन क्षमतावद्र्धन प्रशिक्षण और विपणन गतिविधियों से लाभान्वित किया गया। गृह उद्योग योजना में 7553 और उद्यमिता विकास योजना में 5071 व्यक्तियाें को प्रशिक्षित किया गया। उद्योग मंत्री श्री शेखावत ने बताया कि राज्य में क्वालिटी वर्कफोर्स तैयार करने के लिए देशी-विदेशी कंपनियों का प्रदेश के आईटीआई केन्द्रों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। सिंगापुर सरकार के सहयोग से उदयपुर में प्रशिक्षण सुविधा शुरु कर दी गई है। माइकोबॉश, एशियन पेंट, एल एण्ड टी जैसी विश्वस्तरीय कंपनियों से समन्वय बनाकर युवाओं को प्रशिक्षित करवाया जाएगा।
उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य में रिफाइनरी की स्थापना में प्रदेश के हितों का खास ध्यान रखा गया और कम लागत और अधिक लाभ का समझौता किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की स्थापना से एक मोटे अनुमान के अनुसार आने वाले दस वर्षों में 34 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि गैरपरंपरागत उर्जा क्षेत्र सोलर पॉवर में देश मेंं अत्यधिक निवेश राजस्थान में होने जा रहा है। नोन कंवेशनल पॉवर सेक्टर में करीब एक लाख 23 हजार करोड़ रु. की 6 परियोजनाओं पर काम हो रहा है।

  उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास के लिए विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) अधिनियम 2016 में लागू कर दिया गया है और जल्दी ही रीजनल डवलपमेंट ऑथोरिटी तथा बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

शेखावत ने बताया कि कारपोरेट सोशियल रेस्पांस्बिलिटी के तहत 124 परियोजनाओं के माध्यम से 407 करोड़ रु. के व्यय होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि सीएसआर पोर्टल लांच कर कंपनियों व गतिविधियों को अपलोड किया जा रहा है। राजस्थानी हैण्डिक्राफ्ट, दस्तकारों और बुनकरों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए राजस्थली के माध्यम से प्रयास किए जाने के साथ ही मेलो प्रदर्शनियों का आयोजन, बी2बी, बी2सी, वेंडर डवलपमेंट प्रोग्राम आदि नियमित आयोजित किए जा रहे हैं ताकि प्रदेश के आर्टिजन लाभान्वित हो सके। हेरिटेज वीक के तहत खादी बोर्ड द्वारा आज से जयपुर में फैशन शो का आयोजन किया जा रहा है। इसी तरह से कोटा डोरिया, लेदर, टाई एण्ड डाई आदि के कलस्टर विकसित किए गए हैं। सही दिशा में किए जा रहे निरंतर सोचे समझे प्रयासों से आगामी वर्षों में प्रदेश के औद्योगिक विकास के नए आयाम पैदा करते हुए राष्ट्रीय औद्योगिक पटल पर अपनी अलग छाप छोड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब एक अति समृृद्ध राजस्थान का अवतरण आंखों के सामने दिखने लगा है।

बुधवार, 6 दिसंबर 2017

नवीन विश्वविद्यालयों के लिए भूमिआवंटित , भवन निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए आवंटित

  विगत चार वर्षों में 6 हजार 900 से ज्यादा पदों की भर्ती के लिए की स्वीकृतियां जारी   
                                  - उच्च, तकनीकी, संस्कृत शिक्षा एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री 
3200 से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां अंतिम चरण में, जबकि 3700 पदों पर भर्ती है प्रक्रियाधीन
Pix- Surendra Jain Paras
जयपुर,। उच्च, तकनीकी, संस्कृत शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में लगभग 6 हजार 900 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए स्वीकृतियां जारी की, जिसमें से 3200 से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां कुछ ही समय में कर दी जाएगी। शेष 3700 से ज्यादा पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम युवाओं को बेहतरीन शिक्षा देकर उन्हें स्वावलंबी बनाना है और इसमें राज्य सरकार कहीं भी पीछे नहीं है।

श्रीमती माहेश्वरी राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पिंकसिंटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा विभाग में लैब अस्टिेंट के 130 पदों पर अधीनस्थ बोर्ड द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी करते ही पदस्थापन आदेश जारी कर दिया जाएगा। साथ ही एलडीसी के 217, स्टेनोग्राफर के 42 पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भिजवा दिए गए हैं और पुस्तकालय अध्यक्ष के 152 एवं शारीरिक शिक्षकों के 169 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया इनके नियमों में संशोधन के तुरंत बाद की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा विभाग में सरकार के गठन के तुरंत बाद व्याख्याताओं के रिक्त पदों के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग को अर्थना भेजी गई, जिस पर 1248 पदों के लिए परीक्षा आयोजित कर परीणाम घोषित हो चुका है। 5 विषयों के 113 चयनित व्याख्याताओं की सूची प्राप्त होने पर पदास्थापन आदेश कर दिए गए हैं। इसके साथ ही विभाग में व्याख्याताओं के रिक्त पदों की समस्या नहीं रहे इसके लिए 31 मार्च 2018 तक रिक्त होने वाले सभी संभावित व्याख्याताओं के 939 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, इसके लिए आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत व्याख्याताओं की विगत गई वर्षों से लंबित पदनाम परिवर्तन की मांग मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकार कर ली गई है। इन व्याख्याता का पदनाम अब असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रोफसरों के 477 नए पद स्वीकृत कर दिए गए हैं। इसकी के साथ ही राजकीय पोलोटेक्नीक महाविद्यालयों के शिक्षकों के कई वषोर्ं से लंबित कैरियर एडवांस स्कीम का लाभ 5 मार्च, 2010 से दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे लगभग 300 से ज्यादा डिप्लोमा शिक्षक लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि सभी वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में 540 शैक्षणिक और 561 अशैक्षणिक पदों को भरने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है।, जिसमें उदयपुर, जयपुर और जोधपुर की विश्वविद्यालयों में प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। उन्होंने बताया कि संस्कृत स्कूल में थर्ड ग्रेड के 1829 प्रथम स्तर की भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है। दस्तावेजों के सत्यापन की कार्यवाही जारी है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में 571 तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल-2, द्वितीय श्रेणी अध्यापक 690 और व्याख्याताओं के 134 पदों की भर्ती भी प्रक्रियाधीन है।

श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि चार नवीन राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों (अलवर, भरतपुर, सीकर और बांसवाड़ा) प्रत्येक में 5-5 पीजी विभाग खोले जाएंगे, जिसके लिए 115 पद शैक्षणिक और 199 अशैक्षणिक पदों की भर्ती के लिए स्वीकृति जारी कर दी गई है। उहोंने कहा कि नवीन विश्वविद्यालयों के लिए भूमि भी आवंटित कर दी गई है। भवन निर्माण के लिए कुल 50 करोड़ रुपए भी आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा को सम्बद्ध विश्वविद्यालय घोषित कर डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं बांसवाडा जिले के महाविद्यालयों को इससे सम्बद्ध कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्ष उच्च शिक्षा में नवाचारों से भरपूर रही है। सरकार  उच्च शिक्षा पोर्टल ‘शिक्षा दृष्टि‘ विकसित कर रही है, जिसमें प्रवेश से लेकर डिग्री प्राप्त करने तक की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही अंग्रेजी में सुधार के लिए हैलो एप की सहायता से निःशुल्क उपर एप (20 हजार से अधिक छात्रों द्वारा डाउनलोड किया गया), प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिशारी योजना (चार हजार से अधिक छात्र नामांकित) और दिशारी एप लॉन्च किया।

उन्होंने कहा कि सभी कॉलेजों की जियो टैगिंग की जा रही है। युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए इग्नू द्वारा कौशल शिक्षा के 16 कोर्सेज 94 राजकीय महाविद्यालयों में प्रारंभ किए गए, जिसमें 5500 से ज्यादा विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा जॉब सीकर की बजाए जॉब प्रोवाइडर बने, इसी उद्देश्य से हर संभाग मुख्यालय पर स्टार्टअप को सहयोग करने के लिए इन्क्यूबेशन खोले गए। इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में रोजगार सेल प्रारंभ किए जा रहे हैं तथा सीईजी जयपुर में अभियांत्रिकी एवं डिप्लोमाधारी युवाओं के लिए एक सेंट्रल प्लेसमेंट सेल की  स्थापना की गई है। इसमें पिछले तीन महीनों में ही 450 युवाओं को प्लेसमेंट प्राप्त हुआ है। 

 श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि इन चार वर्षों में 45 राजकीय एवं 426 निजी महाविद्यालय आरम्भ किए गए।      19 राजकीय महाविद्यालय क्रमोन्नत कर महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर 72 और स्नातक स्तर पर 31 नवीन विषय तथा 10 राजकीय महाविद्यालयों में 11 नवीन संकाय प्रारंभ किए। उन्होंने कहा कि इन चार वर्षों में विभाग ने देवनारायण स्कूटी योजना एवं मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के माध्यम से 4 हजार से अधिक छात्राओं को स्कूटी तथा 5 हजार 652 छात्रओं को प्रोत्साहन राशि तथा मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति में 3 लाख 57 हजार 818 विद्यार्थियों को छात्रवृति दी गई है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने बारां, धौलपुर एवं करौली में नए अभियांत्रिकी महाविद्यालय खोल छात्र-छात्राओं को नई राह दिखाई। इसके अलावा सेंटर फॉर ई-गवर्रनेंस में 3 डी प्रिंटिंग और रोबोटिक लैब खोले जा रहे हैं। इन वर्षों में राज्य के पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से 34 इंडस्ट्री इंस्ट्रक्शन सेल की स्थापना की। सरकार ने बीकानेर में राज्य की दूसरी तकनीकी विश्वविद्यालय भी खोली। यही नहीं पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में 26 महिला छात्रावासों का भी निर्माण भी किया।

संस्कृति शिक्षा विभाग में वर्षों से लम्बित सेवा नियम 2015 (विद्यालय शाखा) लागू किया। उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के अनुरूप राजस्थान राज्य संस्कृत शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान महापुरा, (एसएसईआईआरटी) जयपुर में स्थापित की गई है। प्रदेश की तीन महाविद्यालयों को नैक से बी ग्रेड भी दिया। उन्होंने कहा कि 21 से 22 दिसंबर को हायर एजूकेशन एंड ह्यूमन रिर्सोस कॉन्क्लेव जयपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें उच्च शिक्षा में नवचारों को प्रदर्शित किया जाएगा।

श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि प्रदेश में एसएफएस मोड पर संचालित 11 राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में से प्रथम चरण में राजकीय महिला अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अजमेर, राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, बांरा एवं राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, झालावाड़ को राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय बनाया जाना प्रस्तावित है। साथ ही झालावाड़ को वल्र्ड क्लास इंजीनियरिंग कॉलेज बनाए जाने के प्रस्ताव केन्द्रीय मानव संसाधन विभाग, नई दिल्ली को भिजवाए गए हैं।

इस अवसर पर कॉलेज आयुक्त आशुतोष पेंडणेकर, संस्कृत शिक्षा निदेशक  वीके जैन और अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

विगत चार वर्षों में 17 हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च कर आमजन तक पहुंचाया शुद्ध पेयजल

           2018 तक 50 लाख से ज्यादा लोगों को सतही पेयजल से जोड़कर लाभान्वित किया जाएगा
Pix- Surendra Jain Paras
जयपुर,। जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को सतही पेयजल से जोड़कर लाभान्वित किया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 तक 50 लाख और लोगों तक सतही पेयजल पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। यही वजह है कि सरकार ने विगत 4 वषोर्ं में 17 हजार 322 करोड़ से ज्यादा की धनराशि व्यय कर आमजन को राहत पहुंचाई है। 

 गोयल जल भवन में सरकार के चार वर्ष पूरे होने के मौके पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान भूमिगत जल की बजाए सतही जल को आमजन तक पहुंचाने पर है। पिछले चार वर्षों में सरकार ने 22 कस्बों, 2 हजार 785 गांव और 4 हजार 600 ढाणियों तक वृहद पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया है। 

 गोयल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जहां पांच वषोर्ं में विभिन्न पेयजल योजना और परियोजनाओं पर केवल 12 हजार 225 करोड़ रुपए व्यय किए थे, वहीं वर्तमान सरकार ने 4 वषोर्ंं में ही 17 हजार 322 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की। बात ग्रामीण क्षेत्र की जाए तो पिछली सरकार ने 5 वषोर्ं में 10 हजार 36 करोड़ रुपए खर्च किए, वहीं वर्तमान सरकार ने चार साल में ही 13 हजार 662 करोड़ का धनराशि खर्च कर लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया है।शहरी क्षेत्रों में पिछली सरकार ने पांच सालों में 2188 करोड़ रुपए व्यय किए, वहीं इस सरकार ने 36 सौ करोड़ रुपए से भी ज्यादा की राशि व्यय कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 4 सालों में 34 वृहद पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से लोगों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया, जबकि पूर्ववर्ती सरकार केवल 21 पेयजल योजनाएं ही पूरी कर पाई।

जलदाय मंत्री ने कहा कि हमने वृहद परियोजनाओं से जहां 4 वषोर्ं में 2785 गांव और 4464 ढाणियां लाभान्वित की वहीं पहले की सरकार केवल 1861 गांव और 914 ढाणियों को ही पेयजल उपलब्ध करा पाई।हमने इन चार वषोर्ं में वृहद पेयजल परियोजनाओं से 22 शहरों को जोड़कर लाभान्वित किया जबकि पिछली सरकार केवल 19 शहरों को ही जोड़ पार्ई।पेयजल गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता से राहत देते हुए वर्तमान सरकार ने जहां चार सालों में 1949 आरओ प्लांट लगाए जबकि पिछली सरकार केवल 33 आरओ प्लांट ही लगा पाई। यही नहीं इस सरकार ने प्रदेश भर में 952 डीफ्लोरीडेशन सयंत्र 619 सौर उर्जा आधारित नलकूप लगवाए जबकि पिछली सरकार ऎसा कुछ भी नहीं कर पाई।

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्ष आमजन को समर्पित रहे। इन सालों में विभाग ने14 हजार 880 हेबीटेशन को पेयजल से लाभान्वित किया, जिनमें से 5 हजार 898 गुणवत्ता प्रभावित हेबीटेशन, एक हजार 415 अनुसूचित जाति बाहुल्य, एक हजार 646 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य और 894 अल्पसंख्यक बाहुल्य हेबीटेशन तक पेयजल पहुंचाकर आमजन को राहत पहुंचाई। यही नहीं विभाग ने 8 हजार 740 नए नलकूप लगाए, 24 हजार 899 नए हैण्डपम्प लगाए और करीब 9.28 लाख खराब हैंडपम्पों को सुधार कर पुनः चालू करवाया। सरकार ने हर वह कोशिश की जिससे सभी को आसानी से शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।

 गोयल ने कहा कि विभाग नई भर्तियां करने में भी पीछे नहीं रहा। इन चार वषोर्ं मंव 154 सहायक अभियंताओं और 775 कनिष्ठ अभियंताओं को नियुक्ति दी गई। यही नहीं मंत्रालयिक संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के 63 पदों पर सीधी भर्ती और 585 पदों पर अनुकंपात्मक नियुक्तियां दी गई। इनके अतिरिक्त राजपत्रित संवर्ग में 1063 तथा अराजपत्रित और अधीनस्थ संवर्ग में 1063 पदोन्न्तियां भी की गई।

जलदाय मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी शहर एवं ग्राम पंचायतों में सतही स्रोतों से पेयजल प्राप्त कर 2051 तक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यंमत्री द्वारा 2015 में की गई बजट घोषणा की क्रियान्विति के परीपेक्ष्य में विस्तृत सर्वे के उपरांत राजस्थान वाटर ग्रिड की डीपीआर तैयार कर ली गई है।उन्होंने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्र में विभिन्न कस्बों में स्रोत सवंर्धन, जीर्ण शीर्ण पाइप लाइनों को बदलने, कम दबाव के क्षेत्रों में संवर्धन आदि कायोर्ं के लिए 5 करोड़ से कम लागत की 1830 योजनाओं के लिए 614.92 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई। 

जलदाय मंत्री ने कहा कि राज्य के 23 शहरों में जल योजनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अमृत योजना के अंतर्गत लगभग 1000 करोड़ की स्वीकृतियां जारी की गई हैं। इनमें से 11 योजनाओं के क्रियान्वयन के कार्यादेश दिए जा चुके हैं तथा 8 योजनाओं के कार्यादेश प्रक्रियाधीन हैं, जिन्हें जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शेष 4 योजनाओं के कार्यादेश दिसंबर, 2017 के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे। वहीं शेष बची एक योजना (उदयपुर) का कार्य स्मार्टसिटी द्वारा किया जाएगा।  

 गोयल ने कहा कि जयपुर शहर के विस्तारीकरण से पेयजल की बढ़ रही मांग को देखते हुए बीसलपुर जयपुर पेयजल परियोजना द्वितीय चरण के लिए डी.पी.आर बनाई जा चुकी है और भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय में वित्त पोषण के लिए भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्युत खपत में कमी करने के उदद्ेश्य से ऎसे पम्प हाउस जहां वार्षिक विद्युत व्यय 5 करोड से अधिक है तथा 10 वर्ष से पुरानी पम्पिंग मशीनरी है उनका संचालन एवं संधारण एस्को पद्धति पर किए जाने का निर्णय लिया गया है। जोधपुर में राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल पर 8 पम्पिंग स्टेशन का संचालन एवं संधारण एस्को पद्धति पर दिया गया है। वार्षिक विद्युत व्यय 88 करोड़ रुपए में 25 प्रतिशत की बचत की गई। अजमेर जिले के सभी ग्रामीण जलप्रदाय योजनाओं को भी एस्को पद्धति से जोड़ने के लिए निविदाएं आमन्ति्रत की जा चुकी है।

उन्होंने इस अवसर पर ऎतिहासिक ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान‘ की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की दूरदर्शितापूर्ण सोच ही थी कि प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान‘ की शुरूआत की गई। इससे प्रदेश के जल स्तर में खासा सुधार आया। उन्होंने कहा कि जब पूरा प्रदेश पानी के मामले में स्वावलंबी हो जाएगा तो एक नया खुशहाल राजस्थान हमें देखने को मिलेगा।
इस अवसर पर विभाग के प्रमुख शासन सचिव रजत कुमार मिश्र सहित सभी उच्च अधिकारीगण उपस्थित रहे। 

मंगलवार, 5 दिसंबर 2017

पशुओं के लिए सरकार की हमदर्दी खत्म

क्या‍ नरेंद्र मोदी सरकार के लिए गाय या पशु रक्षा महज राजनीतिक मुद्दा है? इन जानवरों का सचमुच भला हो- क्या यह उसकी चिंता नहीं है? जिस तरह गुपचुप गोवंश और भैंस वंश के पशुओं की हत्या के लिए बिक्री पर लगी रोक को उसने हटाया है, उससे ये सवाल उठे हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले 23 मई को पशुओं से क्रूरता निरोधक अधिनियम-1960 के नियमों में संशोधन किया था। उसके तहत कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई। जो जानवर इस नियम के दायरे में थे उनमें गाय, सांड, भैंस, बछिया, बछड़ा और ऊंट शामिल थे। लेकिन पिछले 30 नवंबर को ये रोक हटा ली गई। दो दिसंबर उस बारे में जारी अधिसूचना सार्वजनिक की गई। वैसे मद्रास हाई कोर्ट ने नए नियमों पर 30 मई को स्टे दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, तो 30 जुलाई को उसने सारे देश में स्टे की अवधि बढ़ा दी। तब कहा गया कि सरकार नियमों में हुए बदलाव को कानून का हिस्सा बनाने के लिए विधेयक लाएगी। लेकिन अब बदलाव को ही वापस ले लिया गया है। याद रहे कि मई में नियम बदलने की अधिसूचना जारी होने के बाद एनडीए सरकार को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। केरल सहित कई राज्यों ने उसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दी। मगर तब केंद्र ने अपने कदम का जोरदार बचाव किया था।

सवाल है कि छह महीनों में आखिर ऐसा क्या हुआ कि केंद्र ने कदम वापस खींच लिए? नए नियमों का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर बहुत खराब असर हुआ। ना सिर्फ इससे पशुपालकों को भारी नुकसान हुआ, बल्कि पशु बिक्री का बाजार लगभग ढह गया। इससे गैर-उपयोगी पशु छूट्टा घूमने लगे। वे खेतों में खड़ी फसलों के लिए समस्या बन गए। इसके खिलाफ कई जगहों से किसान असंतोष की खबरें आईं। लेकिन ये ऐसी बातें हैं, जिनका पूर्वानुमान कदम उठाने के पहले लगाया जा सकता था। लेकिन केंद्र ने इसकी जरूरत नहीं समझी। आरोप है कि उसकी निगाहें गाय से जुड़ी जन भावना पर टिकी रहीं। गोहत्या पर रोक के साथ अन्य पशुओं के प्रति भी हमदर्द होने का संदेश उसने देना चाहा। इससे बेशक गाय लेकर हुआ राजनीतिक ध्रुवीकरण और आगे बढ़ा। यह सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के हित में है। इसीलिए अब यह कहा जा रहा है कि ये हित साधने के बाद पशुओं के लिए सरकार की हमदर्दी खत्म हो गई है।

सोमवार, 4 दिसंबर 2017

बिहार में युवा हो रहे हैं नपुंसकता के शिकार

पटना सहित पूरे बिहार में इन दिनों इनफर्टिलिटी (नपुंसकता) की समस्या बढ़ गयी है. खासकर यह परेशानी मर्दों में अधिक देखने को मिल रही है. इसका सबसे बड़ा कारण मानसिक तनाव, नशा का सेवन, केमिकल फैक्ट्री में काम करना, टीबी इंफेक्शन  नपुंसकता का कारण बन रहे हैं.

पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बायोकेमेस्ट्री विभाग के रिसर्च में यह  खुलासा किया गया है. रिसर्च के अनुसार इनफर्टिलिटी के बढ़ते  मामलों में पुरुषों के शरीर में शुक्राणु कम काउंट होना आम बात है.  30  फीसदी इनफर्टिलिटी (नपुंसकता) मामलों में यही वजह पायी गयी है. इस समस्या से बिहार के अधिकांश लोग प्रभावित हो रहे हैं.

पीएमसीएच व आईजीआईएमएस

के बॉयोकेमेस्ट्री विभाग में हुए रिसर्च में आ चुकी हैं बातें सामने

-तनाव, सिगरेट, अधिक उम्र में शादी नपुंसकता का सबसे बड़ा कारण उभर कर आ रहा सामने

नपुंसकता के प्रमुख कारण

-  पॉर्न मूवी है बड़ी वजह: नपुंसकता पर रिसर्च कर चुके पटना आयुर्वेद कॉलेज के डॉ पवन कुमार ने बताया कि पॉर्न देखने के बाद हस्तमैथुन करने की लत पुरुषों में बढ़ जाती है. नतीजा यह आदत नपुंसक बनाने की ओर  ढकेल देती है. इसके बाद सामान्य पुरुष उस स्थिति में पहुंच जाते  हैं, जिसमें  40-70 साल के पुरुष पहुंच चुके होते हैं. डॉ पवन ने बताया कि रिसर्च में पाया गया है कि इस आदत के बाद सेक्स के दौरान पुरुषों के परफॉर्मेंस में कमी आती है. 

-  30 की उम्र के बाद शादी: एनएमसीएच की स्त्री एवं प्रसूति रोग की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ कुसुम गोपाल ने बताया कि 20 से 30 साल की उम्र वाले युवाओं में यह समस्या अधिक है. वहीं 30 से 40 साल की उम्र वाली महिलाओं में नपुंसकता की समस्या देखने को मिलती है. इसका बड़ा कारण अधिक उम्र में महिलाओं की शादी करना है. डॉ कुसुम ने बताया कि 30 के बाद शादी व नौकरी करने वाली युवतियों की संख्या अधिक है.

हाई बीपी और डायबिटीज

डॉक्टरों ने बताया कि नपुंसकता सिर्फ मानसिक बीमारी नहीं होती है. यह दो तरह की होती है मानसिक और शारीरिक. नये शोधों से पता चला है कि मधुमेह व हार्मोन के असंतुलन से नपुंसकता हो सकती है. शरीर में किसी प्रकार के संक्रमण के कारण व्यक्ति नपुंसकता का शिकार हो सकता है या फिर चोट लगना, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान व शराब जैसे अन्य शारीरिक कारण भी हो सकते हैं. 

प्रदेश में 10% शहरी इलाकों में समस्या अधिक

मेडिकल कॉलेज के बायोकमेस्ट्री विभाग के छात्रों की ओर से हुए  शोध रिपोर्ट के अनुसार पूरे बिहार में करीब 10 प्रतिशत लोग नपुंसकता की समस्या से जूझ रहे हैं. इनमें इनमें अकेले 60 प्रतिशत लोग शहरी इलाकों के शामिल हैं. बाकी ग्रामीण ऐरिया में रहने वाले लोग हैं. डॉक्टरों की मानें तो मरीजों का इलाज पीआईसीएसआई और आईएमएसआई तकनीक से किया जा सकता है. इस से नि:संतान दंपतियों को संतान मिलने की उम्मीद अधिक होती है.

क्या कहती हैं एक्सपर्ट डॉक्टर

गर्म जगह में रहना, और स्मोकिंग का सेवन करने वाले अधिक मर्दों में नपुंसकता की समस्या अधिक देखने को मिल रही है. वहीं औरतों में देरी से शादी होना इसका सबसे बड़ा कारण है.   

भदेल ने दी प्रदेश को सौगात

 •पर्यवेक्षक के 295 पदों, महिला पर्यवेक्षक के 221 पदों एवं संरक्षण अधिकारियों के 33 पदों 
पर सीधी भर्ती की जायेगी।
•वर्ष 2017-18 में तीन गुना करते हुए विभाग का बजट 288.74 करोड़ रूपये कर दिया गया।
•ब्लॉक स्तर पर “महिला शक्ति केन्द्र” बनाए की जाने की घोषणा की गई।
•प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना इसी माह से लागू की जाने की घोषणा की गई।
•राज्य में राष्ट्रीय पोषण मिशन NNM लागू किया जायेगा।
Photo- Surendra Jain Paras 
               जयपुर, । राज्य सरकार के उपलब्धिमय 4 वर्ष पूर्ण होने के अवसर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में  महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने प्रदेश को सौगात देते हुए महिला अधिकारिता विभाग में महिला अधिकारिता पर्यवेक्षक के 295 पदों, महिला पर्यवेक्षक के 221 पदों एवं संरक्षण अधिकारियों के 33 पदों पर सीधी भर्ती किये जाने की घोषणा की है। महिला अधिकारिता विभाग का वर्ष 2012-13 में बजट प्रावधान 91.92 करोड़ रू. था उसे वर्ष 2017-18 में तीन गुना करते हुए 288.74 करोड़ रूपये कर दिया है। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ब्लॉक स्तर पर “महिला शक्ति केन्द्र” बनाए की जाने की घोषणा की है।

श्रीमती भदेल ने प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व तथा प्रसव के पश्चात आर्थिक सहायता देने हेतु तथा शिशु टीकाकरण को प्रोत्साहन देने हेतु प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना इसी माह से लागू की जाने की घोषणा की है। इस योजना के अन्तर्गत परिवार में प्रथम डिलीवरी पर गर्भकाल के पहले 6 माह में प्रथम किस्त 1000 रू., गर्भकाल में अन्तिम त्रैमास में 2000 रू. एवं शिशु जन्म के पश्चात् टीकाकरण आदि होने के पश्चात् 2000 रू. बैंक खाते में भुगतान किए जाएंगे। इसी प्रकार उन्होंने घोषणा कि राज्य में राष्ट्रीय पोषण मिशन NNM लागू किया जायेगा। इसके तहत वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक छोटे बच्चों, किशोरियों एवं गर्भवती/धात्री महिलाओं में अन्य पोषण, एनीमिया व ठिगनेपन के स्तर को कम किया जाएगा। इसके तहत आई.सी.टी. आधारित रियल टाइम मोनिटरिंग कर, कुपोषण का समाधान तंत्र विकसित किया जाएगा।

श्रीमती भदेल ने इसके साथ ही एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में “आदर्श आंगनबाड़ी अभियान” प्रारम्भ किया जाएगा। जिसमें प्रत्येक परियोजना में न्यूनतम 5 केन्द्रों को आदर्श के रूप में विकसित किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में महिला एवं बाल विभाग की उपलब्धियों तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं और बालक-बालिकाओं से जुड़ी अनेक योजनाओं और नवाचारों से राज्य में सकारात्मक बदलाव आया है।

बालिकाओं के लिए व्यक्तिगत लाभ वाली सबसे बड़ी योजना बनी- मुख्यमंत्री राजश्री योजना
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि ‘बालिका जन्म’, शिक्षा एवं उनके विकास के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार करने के उद्वेश्य से संचालित मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत 6 चरणों में राज्य सरकार की और से 50,000 की राशि देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत 1 जून 2016 से अक्टूबर 2017 तक प्रथम किश्त के तहत 7,08,534 बालिकाओं को कुल 177.13 करोड रू. तथा द्वितीय किश्त के तहत 90,502 बालिकाओं को 22.63 करोड का भुगतान किया गया है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के क्रियान्वयन में देश का श्रेष्ठ राज्य बना- राजस्थान
देश के 161 जिलों में राज्य के 14 जिले सम्मिलित। योजनान्तर्गत बेटी जन्मोत्सव, बेटी के सम्मान में वृक्षारोपण,आठवां फेरा, ग्राम सभा में अनिवार्य एजेण्डा, स्कूलों में शपथ ग्रहण कार्यक्रम आदि नवाचारों को अपनाया गया है योजना के प्रयासों के तहत राज्य के 14 जिलों में से 10 जिलों में जन्म शिशु लिंगानुपात में सुधार दर्ज किया गया है। राजस्थान को श्रेष्ढ राज्य श्रेणी में नारी शक्ति पुरूस्कार तथा झुन्झुनू जिले को उत्कृष्ठ कार्य करने वाले जिले के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।

राष्ट्रीय पुरस्कारः-
राजस्थान को भारत सरकार द्वारा “नारी शक्ति पुरस्कार 2016-17” से सम्मानित किया। बाल लिंगानुपात सुधारने पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला नारी शक्ति पुरस्कार वर्ष 2017 महामहिम राष्ट्रपति महोदय द्वारा राजस्थान राज्य को प्रदान किया गया। बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट कार्य करने पर झुंझुनूं जिला को 24 जनवरी, 2017 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया।

अपराजिता बना भारत का रोल मॉडल केन्द्र
हिंसा अथवा उत्पीड़न की शिकार महिलाआें को न्याय एवं राहत दिलाने हेतु भारत का पहला केंद्र अपराजिता जयपुर में संचालित है। अपराजिता की तर्ज पर भारत सरकार द्वारा देश के समस्त राज्याें में इस प्रकार के केंद्रों को स्थापित किया जा रहा है। अपराजिता की तर्ज पर सखी के नाम से राज्य में 15 केन्द्र संचालित किये जा रहे है। राज्य के 40 जिलों में महिला थानोंमें संचालित महिला एवं सुरक्षा केंद्रों के माध्यम से कुल 51044 प्राप्त प्रकरणों में से 44634 का निस्तारण।

सामूहिक विवाह अनुदान योजनाः-दहेज प्रथा कम करने हेतु अनुठा प्रयास
नव विवाहित जोड़े को अनुदान राशि 15000 रू. तथा विवाह आयोजक संस्था को 3000 रू. जाती है। अब तक कुल 20337 जोड़ों को राशि रू. 2732.81 लाख का वितरण किया जा चुका है। वर-वधु व आयोजक संस्था को मुख्यमंत्री बधाई संदेश का वितरण किया जाता है।

चिराली योजनाः-सामुदायिक प्रयासों से महिला उत्पीडन रोकने हेतु नवाचार 

महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा की रोकथाम हेतु 2017 से लागू। महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा की रोकथाम हेतु समुदाय आधारित अनौपचारिक संगठन। राज्य के 7 जिलों यथा बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, जालौर, झालावाड़, नागौर तथा प्रतापगढ़ में सामुदायिक कार्य दलों का गठन।

साझा अभियान-बाल विवाह मुक्त राजस्थान

प्रदेश को बाल विवाह मुक्त बनाने हेतु ‘राज्य रणनीति एवं कार्य योजना‘। अभियान के अन्तर्गत लोगो का विमोचन, सपनों का मांडना, अभियान गीत द्वारा एवं सभी भागीदारों द्वारा संकल्प पर हस्ताक्षर, रथ के माध्यम से प्रचार-प्रसार। वॉयस कॉल मैसेज के माध्यम से प्रचार, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (SDM) एवं सेवा प्रदाताओं का आमुखीकरण किया गया।

राजस्थान डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम, 2015 एवं नियम 2016
जिन महिलाओं को “डायन” प्रचारित कर प्रताड़ित किया जाता है, उनके लिये इस प्रभावी कानून के तीन मुख्य पहलूः- अपराधों का निवारण और सजा। पीड़ित महिला को राहत और पुनर्वास। डायन प्रथा पर जागरूकता और रोकथाम। अब तक कुल 127 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज,73 में चालान पेश।

निःशुल्क कम्प्युटर प्रशिक्षण
16से 40साल तक की 10 वीं पास किशोरी/महिलाओं के लिए कम्प्युटर प्रशिक्षण। गत चार वर्षाे में 1,53,992 किशोरी/महिलाएं कम्प्युटर साक्षर हुई।

गरिमा बालिका संरक्षण एवं सम्मान योजना
बालिका संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाता है। योजनान्तर्गत चयनित 6 व्यक्तियों एवं 3 संस्थाओं को 25,000/-नगद, प्रशस्ति पत्र, एवं प्रतीक चिन्ह राष्ट्रीय बालिका दिवस 2017 पर प्रदान किये गए।

अमृता हाटः- महिला स्वंय सहायता सूहों के उत्पादों के विपणन हेतु 829 समूहों की भागीदारी से 6 राष्ट्रीय हाट। नवाचार-1065 समूहों की भागीदारी से 12 संभागीय अमृता हाट। नवाचार को आगे बढाते हुए 12 जिला स्तरीय हाट में 698 समूहों की भागीदारी।

धनलक्ष्मी महिला समृद्धि केन्द्र
महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चिंहित पंचायत समितियों में धनलक्ष्मी महिला समृद्धि केंद्र स्थापित। योजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण में 100 धनलक्ष्मी महिला समृद्धि केंद्र स्वीकृत।

प्रथम चरण के अन्तर्गत 33 पंचायत समितियों में भवन निर्माण हेतु राशि हस्तान्तरित, 28 का निर्माण कार्य पूर्ण। द्वितीय चरण के अन्तर्गत 67 पंचायत समितियों में से 55 पंचायत समितियों में भवन निर्माण कार्य हेतु राशि हस्तांतरित, 3 का निर्माण कार्य पूर्ण।

समेकित बाल विकास कार्यक्रम (आई.सी.डी.एस.) की उपलब्धियां
वंचित क्षेत्रों तक आंगनबाडी केन्द्र की सेवाएं पहुचाने के लिए 901 नये आंगनबाडी केन्दर््र स्वीकृत किये गये है।

केंद्र बने अब आंगनबाडी पाठशाला
पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय ई.सी.ई. नीति के तहत पाठ्यचर्चा व पाठ्यक्रम तैयार किया गया। समस्त आंगनबाडी केंद्रों पर पंजीकृत 3-6 वर्ष के बच्चों को 30 मार्च, 2016 से किलकारी, उमंग तथा तरंग वर्कबुक के माध्यम से गुणावत्तापूर्ण शाला पूर्व शिक्षा प्रदान की जा रही है। 27000 से अधिक आंगनाबाड़ी केन्द्रों का विद्यालयों से समन्वय। 1148 पूर्व प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती व केंद्राें पर नियुक्ति की गई। इस मामले में राजस्थान पहला राज्य बना।

नन्दघर योजना 

दानदाताओं, समाजसेवियों, स्वयं सेवी संगठनाें व कारपोरेट क्षेत्र के सहयोग से 4318 आंगनबाड़ी केन्द्रों का ‘गतिशील बाल्यावस्था केंद्रों के रूप में हुआ विकास। इस योजना में भूमि, भवन निर्माण व मरम्मत के साथ 5 वर्ष के लिए रखरखाव का लिया भामाशाहों ने जिम्मा।

आंगनबाड़ी चलों अभियान एवं “प्रवेशोत्सव”
जून-जुलाई माह में आंगनबाड़ी चलो अभियान व प्रवेशोत्सव का नियमित आयोजन कर केंद्रों के प्रति समुदाय में जागरूकता व सहभागिता मजबूत की गई। मा. मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के मार्गदर्शन में खिलौना बैंक व शिक्षण सामग्री बैंक अभियान। अभियान के तहत 15.36 लाख खिलौने, 8 लाख ‘ऑल इन वन पुस्तके, 28 लाख कॉपियां, पेन्सिल रबर इत्यादि समुदाय से प्राप्त हुए। कुल 7 लाख यूनिफार्म पहचान पत्र एवं 6 लाख स्कूल बैग भी समुदाय की ओर से बच्चों को उपलब्ध कराये गये।

गोद भराई और अन्न प्राशन्न

ISSNIP परियोजना के तहत 36802 आगंनबाड़ी केंद्रों पर मासिक रूप से सामुदायिक आधारित गतिविधियां (गोद भराई अन्नप्राशन्न ओर प्रवेशोत्सव) आयोजित की जा रही है।

कारपोरेट सेक्टर ने निभाया सामाजिक सरोकार 
हिन्दुस्तान जिंक के वेदान्ता ट्रस्ट द्वारा राज्य के 5 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर खुशी परियोजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों का सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। वेदान्ता द्वारा 50 आंगनबाड़ी केंद्रों को नये भवन बनाकर दिये है। इन भवनों में पानी, बिजली, शौचालय जैसी सुविधाओं के साथ टी.वी. प्रोजेक्टर जैसे उपकरण भी उपलब्ध कराये है। टाटा ट्रस्ट द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त करने के लिए वजन मशीन जैसी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। एयरपोर्ट ओथोेरेटी ऑफ इण्डिया द्वारा जयपुर जिले के केंद्रों को सशक्त करने के लिए 45 लाख रू. का काय्र चल रहा है। उन्होने विभाग को 5 करोड रू. और सहयोग के लिए मंजूरी प्रदान है।

आंगनबाड़ी केंद्रों व विभागीय भवनों में बढाई ढांचागत सुविधाएं
40 करोड़ रू. के आंगनबाड़ी केंद्रों के रख-रखाव एवं सुदृढ़ीकरण कार्य करवाये जा रहे है। 13000 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री स्कूल सेट-अप बनाने के लिए 40 करोड़ रू. की लागत से टेबल-कुर्सी, अलमारी, दरी, बैंच आदिय सामग्री उपलब्ध कराना प्रस्तावित।

ISSNIP  परियोजना अन्तर्गत जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, बांरा, अलवर, चित्तौड़गढ़ व चुरू जिलों के 5400 केंद्राें पर आधुनिक वजन मशीनें उपलब्ध कराई गई।
इसके अतिरिक्त 21430 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 21430 स्टीडियो मीटर, 21430 इंफेन्टोमीटर, 17430 वजन मशीन (मातृ एवं शिशु), 36809 वॉटर कैम्पर के उपापन की प्रक्रिया जारी है। 5432 आंगनबाडी केंद्रों की मरम्मत हेतु 40 करोड़ की स्वीकृति।

सूचना, संचार व मॉनिटरिंग के क्षेत्र में हाई-टेक बने केंद्र

ISSNIP  परियोजना के अन्तर्गत 9 जिलों की 46 परियोजनाओं में 10500 आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन व 282 पर्यवेक्षकों को एंड्रॉयड टेबलेट्स उपलब्ध कराये गये है। रियल टाईम मॉनिटरिंग हेतु कार्यकर्ताओं को CAS सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण जारी है एवं शेष 11430 कार्यकर्ताओं एवं 381 पर्यवेक्षकों को स्मार्ट फोन/टेबलेट उपलब्ध कराने की प्रक्रिया प्रगति पर है।

कर्मचारी कल्याण
मानदेय कर्मियाें की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल तथा त्वरित बनाते हुए गत 4 वर्षाे में वस्तुनिष्ठ रेंकिंग को अपनाते हुए 14756 मानदेय कर्मियों का चयन किया गया।
मानदेय में वृद्धि- 1 जून 2016 से आंगनबाडी कार्यकर्ता के मानदेय में 400 रू., मिनी कार्यकर्ता के 300रू., आशा सहयोगिनी, सहायिका व साथिन के मानदेय में 250-250 रू. प्रतिमाह वृद्धि की गई है। इससे लगभग 1.65 लाख मानदेयकर्मी लाभान्वित।

माता यशोदा वार्षिक पुरस्कार योजना वर्ष 2014-15 प्रारम्भ की गई है जिसमें प्रत्येक परियोजना में उत्कृष्ट मानदेयकर्मी (कार्यकर्ता, सहायिका व आशा सहयोगिनी) को प्रतिवर्ष 51000 रू. व 2100-2100रू. का नकद पुरस्कार दिया जा रहा है।
कार्य निष्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत आंगनबाडी कार्यकर्ता को 500 रू. मासिक अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

पुरस्कार
आंगनबाडी केंद्र पर गुणवत्तापूर्ण प्री स्कूल शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्कोच फॉउडेशन का वर्ष 2017 का गुड गर्वर्नेसं मेरिट अवार्ड ISSNIP परियोजना के समयबद्ध निष्पादन लिये विश्व बैंक की ओर 1.60 करोड़ प्रोत्साहन राशि दी गई।